PATNA : राजस्थान के कोटा से पटना पहुंच रहे हैं. बच्चे एक तरफ जहां नियम कायदे के तहत अपने घरों को जा रहे हैं. उनकी तरफ से होम क्वॉरेंटाइन को लेकर डिक्लेरेशन फॉर्म भरा जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ दानापुर स्टेशन पर वीवीआइपी का टशन भी देखने को मिला है. प्रशासन लिखी हुई गाड़ी से सवार एक शख्स अपनी बच्ची को लेकर सीधे स्टेशन से घर के लिए निकल गए. मीडियाकर्मियों ने जब पूछा तो उल्टे पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा का नाम लेकर धौंस जमाने लगे.
यह सब कुछ पुलिसकर्मियों के सामने हुआ दरअसल पटना जिला प्रशासन की तरफ से दानापुर स्टेशन के बाहर खुद एक सूचना लगाई गई थी. इसमें साफ तौर पर लिखा था कि कोई भी व्यक्ति स्टेशन से अपने बच्चे को घर नहीं ले जा सकता इसके लिए उन्हें अपने स्थानीय थाने से संपर्क करना होगा, लेकिन जब गाड़ी पर प्रशासन लिखा हो तो रुतबा ही बदल जाता है. एसयूवी पर सवार होकर आए एक शख्स ने जिला प्रशासन के इस आदेश को ठेंगा दिखा दिया. यह सब कुछ तब हुआ जब खुद पटना के डीएम कुमार रवि और एसएसपी उपेंद्र शर्मा वहां मौजूद थे. मीडिया कर्मियों ने पूछा तो अपनी बच्ची को लेकर जाने वाले शख्स ने कह दिया कि एसएसपी उपेंद्र शर्मा से उसने परमिशन ले ली है. इसके बावजूद मीडिया कर्मियों ने पुलिसकर्मियों को इस तरफ ध्यान देने को कहा लेकिन बात पटना के पुलिस कप्तान की थी तो किसी ने आगे बढ़कर पूछताछ करना भी मुनासिब नहीं समझा.
लॉकडाउन के बीच अपने घरों को लौट रहे बच्चे कई नियमों से बंधे हुए हैं. जिला प्रशासन में शर्तों के साथ उन्हें घर पर क्वॉरेंटाइन होने की मंजूरी दी है, लेकिन इस सबके बीच वीआईपी ट्रीटमेंट वाले लोगों का टशन भी जारी है. आम लोगों के लिए तमाम नियम और कायदे हैं और रसूखदारों के लिए नियम कायदों का कोई मतलब नहीं है.