प्रशांत किशोर पर बोले ललन सिंह..JDU ने नहीं दिया कोई ऑफर..BJP के लिए काम कर रहे PK

प्रशांत किशोर पर बोले ललन सिंह..JDU ने नहीं दिया कोई ऑफर..BJP के लिए काम कर रहे PK

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच हुई मुलाकात के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। जेडीयू में शामिल होने का ऑफर प्रशांत किशोर को मिलने की चर्चा पर जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हमने तो पहले ही कहा था कि फिर उसी बात को दोहरा रहा हैं कि प्रशांत किशोर राजनीतिक व्यक्ति नहीं है। वे व्यापार करते हैं एक बिजनेस मैन है। बिजनेस को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करते हैं। इस तरह की चर्चा भी उनके मार्केटिंग का हिस्सा है। ललन सिंह ने क्लियर कर दिया कि उनको किसी तरह का कोई ऑफर नहीं मिला था और ना ही मिला है।


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बताया कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जेडीयू में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मिलिए। तब हमसे वे दिल्ली में मिले थे और डेढ घंटे हमारी बातचीत भी हुई। मैंने साफ तौर पर कह दिया कि दल में अनुशासन में रहकर आपको काम करना होगा। दल का निर्णय सभी को स्वीकार करना होगा। ये दो शर्त मानिएगा तब पार्टी के अंदर काम कर सकते हैं। जिसके बाद पीके ने सीएम से मिलने की इच्छा व्यक्त की। 


सीएम ने मिलने का 4 बजे का समय दिया था। दिल्ली से पटना आने से पहले प्रशांत किशोर ने दोपहर 2 बजे सभी मीडिया कर्मियों को फोन करके इस बात की जानकारी दी। मीडिया से पीके ने कहा कि हम पटना आ रहे हैं। हमें बुलाया गया है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंतजार करेंगे लेकिन हम जाएंगे नहीं। ललन सिंह ने कहा कि ये सब क्या है मार्केटिंग का हिस्सा ही तो है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पवन वर्मा भी आए हुए थे। पवन वर्मा ने भी नीतीश कुमार से कहा था कि प्रशांत किशोर भी आपसे मिलना चाहते है। जिसके बाद सीएम नीतीश ने कहा था कि ले आईए। 


ललन सिंह ने साफ तौर पर कहा कि पीके को किसी तरह का कोई ऑफर नहीं दिया गया है। वे बीजेपी के लिए आजकल काम कर रहे हैं। वहीं बिना नाम लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के एक एजेंट जो हमलोगों के पार्टी में थे वे मजिस्ट्रेट चेकिंग में पकड़ा गये है वे तो चले अब नए लोगों को बीजेपी खोज रही है। बीजेपी जनाधार के बल पर अपनी पार्टी को विकसित नहीं करना चाहती बल्कि खडयंत्र के बल पर अपनी पार्टी को विकसित करना चाहती है। पीके के माध्यम से जो कुछ हो रहा है वो उसी खडयंत्र का हिस्सा है।