ब्रेकिंग न्यूज़

मुख्य सचिव ने दिए निर्देश: योग्य लाभार्थियों को मिले राशन कार्ड, PDS दुकानों की रिक्तियां शीघ्र भरें, Zero Office Day अभियान में सख्ती कैमूर में विवाहिता की संदिग्ध मौत, मायकेवालों ने ससुराल पक्ष पर लगाया जहर देकर मारने का आरोप Bihar: सोनपुर में मनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन, पौधारोपण समेत कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन Bihar: सोनपुर में मनाया गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन, पौधारोपण समेत कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन Buxar News: विश्वामित्र सेना ने निकाली ‘सनातन जोड़ो यात्रा’, धार्मिक एकता और आस्था का अनूठा संगम Buxar News: विश्वामित्र सेना ने निकाली ‘सनातन जोड़ो यात्रा’, धार्मिक एकता और आस्था का अनूठा संगम वीरपुर में किसान सम्मान समारोह: संजीव मिश्रा ने सैकड़ों किसानों को किया सम्मानित World Athletics Championship 2025: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचे नीरज चोपड़ा, पहले ही थ्रो में किया क्वालिफाई World Athletics Championship 2025: वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप फाइनल में पहुंचे नीरज चोपड़ा, पहले ही थ्रो में किया क्वालिफाई यूट्यूबर दिवाकर सहनी और उनके परिवार के साथ मजबूती के साथ खड़ी है वीआईपी: मुकेश सहनी

पुलिसिया तंत्र से मानवाधिकारों के खतरे पर CJI चिंतित, बोले.. हिरासत में यातना जारी है

1st Bihar Published by: Updated Sun, 08 Aug 2021 09:35:14 PM IST

पुलिसिया तंत्र से मानवाधिकारों के खतरे पर CJI चिंतित, बोले.. हिरासत में यातना जारी है

- फ़ोटो

DESK : देश में पुलिसिया तंत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमन खासे चिंतित हैं। पुलिस की कार्यशैली को लेकर चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी की है। सीजेआई एन वी रमन ने कहा है कि हिरासत में यातना और अन्य तरह के पुलिसिया अत्याचार देश में अभी भी जारी हैं। यहां तक कि विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को भी थर्ड डिग्री टॉर्चर से नहीं बचाया जाता। सीजेआई ने इस स्थिति पर चिंता जताई है।


इस मामले में सीबीआई ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को देश में पुलिस अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए कहा है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में कानूनी सेवा मोबाइल एप्लीकेशन और नालसा के दृष्टिकोण को लेकर मिशन स्टेटमेंट की शुरुआत के अवसर पर सीजेआई एन वी रमन ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यदि एक संस्था के रूप में न्यायपालिका नागरिकों का विश्वास हासिल करना चाहती है तो हमें सभी को आश्वस्त करना होगा कि हम उनके लिए हमेशा मौजूद हैं। सीबीआई ने कहा कि यह सच्चाई है कि लंबे अरसे तक के कमजोर आबादी नए प्रणाली से बाहर रही है।


आपको बता दें कि नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण कानून 1987 के तहत कमजोर वर्ग के लोगों को मुफ्त कानूनी सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था। सीजेआई ने कहा कि मानवाधिकारों और शारीरिक चोट नुकसान का खतरा पुलिस थानों में सबसे ज्यादा है। पुलिस हिरासत में यातना एक ऐसी समस्या है जो अभी भी समाज के लिए बुरा पक्ष है। संवैधानिक घोषणाओं के बावजूद अब तक हम पुलिस थानों में यातना पर नियंत्रण नहीं लगा पाए हैं। सीजेआई ने कहा कि विशेषाधिकार हासिल करने वाले लोगों को भी पुलिस यातना से नहीं बचाया जा सका है। कई मामलों में देखा गया है कि विशेषाधिकार हासिल लोग भी थर्ड डिग्री वाली प्रताड़ना झेलते हैं।