DESK: कोरोना का कहर जारी है. जिसे देखते हुए बिहार में एक बार फिर से 15 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ दिनों पहले ही पटना एम्स हॉस्पिटल को डेडिकेटेड COVID 19 हॉस्पिटल बना दिया गया था. अब यहां आज से प्लाज्मा डोनेशन अभियान की शुरुआत होने जा रही है. प्लाज्मा थेरेपी से अब तक देश में बहुत से लोग ठीक हो चुके हैं, इसलिए पटना एम्स प्रशासन ने कोरोना से जंग जीत चुके लोगों से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की है.
शुरूआती दिनों में रोज चार लोगों का प्लाज्मा लेने की व्यस्था की गई है. इसको लेकर गुरुवार को प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने पटना समेत सभी छह जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की. जिसमे ये निर्णय लिया गया की प्लाज्मा डोनेट करने वाले कोरोना योद्धा को प्रशंसापत्र, स्मृति चिह्न के साथ थैंक यू कार्ड तथा सालभर के अंदर जरूरत पड़ने पर एक यूनिट खून दिया जाएगा.
प्रमंडल आयुक्त ने बताया कि पटना प्रमंडल के साथ ही छह अन्य जिलों में भी स्पेशल प्लाज्मा डोनर कोषांग बनया जायेगा. इन जिलों का रोस्टर तयकिया जायेगा जिसके आधार पर डीएम प्लाज्मा डोनर को एम्स भेजेंगे. एम्स में उनके प्लाज्मा डोनेशन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल अगले पांच दिनों के लिए 20 ब्लड डोनर उपलब्ध हैं. बैठक में बक्सर और नालंदा डीएम ने पांच-पांच डोनर उपलब्ध होने की बात कही है.
बिहार में प्लाज्मा डोनेट करने वाला पहले व्यक्ति पटना के खाजपुरा निवासी दीपक कुमार होंगे. एम्स के डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना से स्वस्थ हो चुके मरीज चार हफ्ते बाद अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. इससे न तो कमजोरी होती है और न ही कोई साइड इफेक्ट.
अभी एम्स हॉस्पिटल के पास रोजाना चार लोगों के प्लाज्मा संग्रहण की क्षमता है. डोनर की संख्या बढ़ने पर प्लाज्मा कलेक्शन की सुविधा बढ़ाई जाएगी. अधिक से अधिक लोग प्लाज्मा डोनेट कर सकें, इसके लिए जिलों में प्रसाशन द्वारा काउंसिलिंग की व्यवस्था की जा रही है. काउंसिलिंग कर लोगों को इसके लिए प्रेरित किया जाएगा. इसके अलावा प्लाज्मा डोनर को दूसरे जिले से पटना आने-जाने के लिए जिला प्रशासन विशेष वाहन मुहैया कराएगा.