वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 04 Aug 2023 01:37:24 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के टेटर मॉड्यूल केस में एनआईए ने कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया है। एनआईए ने इस मामले में चार और लोगों को आरोपी बनाया है। ये सभी मोतिहारी के रहने वाले बताए जा रहे हैं। एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि ये चारों आरोपी अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए विदेश से फंड इकट्ठा कर रहे थे।
एनआईए ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिन चार और लोगों को आरोपी बनाया है उसमें मोतिहारी के रहने वाले मो. तनवीर, आबिद, बिलाल और इरशाद आलम शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, चारों आरोपी गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं। चारों पर आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाने, हिंसा फैलाने के लिए हथियार और गोला-बारूद इकट्ठा करने के आरोप हैं। चारों में से एक मो. आलम पर एक युवक की हत्या का भी आरोप है।
बता दें कि पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के टेरर मॉड्यूल का पिछले साल खुलासा हुआ था। इस मामले को लेकर पटना के फुलवारी शरीफ थाने में केस दर्ज हुआ था, जिसमें पुलिस ने 26 लोगों को आरोपी बनाया था। बाद में यह केस एनआईए को टांसफर कर दिया गया था। इसके बाद बिहार के विभिन्न जिलों समेत पूरे देश में एनआईए ने पीएफआई से जुड़े लोगों पर दबिश दी थी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने पीएफआई को पूरे देश में बैन कर दिया था।