PATNA : बिहार में अपराधियों के हौसले काफी बुलंद हो चुके हैं. पुलिस का खौफ उनके मन से गायब हो चुका है. खासकर जब बात शराबबंदी कानून की आती है तो इसकी वास्तविकता किसी से छिपी नहीं है. पुलिस की नाक के नीचे शराब का धंधा बड़ी आसानी से फल फूल रहा है. इतना ही नहीं, पुलिस अगर इन धंधेबाजों को पकड़ने भी जाती है तो कई पुलिस पर हमले की खबर सामने आती है. ताजा मामला राजधानी पटना का है जहां अवैध शराब निर्माण की सूचना पर छापेमारी करके लौट रही पुलिस पर धंधेबाजों ने हमला कर दिया.
घटना परसाबाजार के टरवां महादलित टोला की है. मिली जानकारी के अनुसार, परसाबाजार थाने की पुलिस पर धंधेबाजों ने महिलाओं को आगे कर लाठी-डंडे और पत्थर बरसाकर हमला बोल दिया. सभी को गांव से खदेड़ दिया. दो एसएलआर भी लूट ली. पुलिस वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया और आग लगाने का प्रयास किया. पुलिस ने भागकर जान बचाई. घटना की सूचना मिलते ही प्रशिक्षु डीएसपी सह थानेदार प्रिया ज्योति दल-बल के साथ पहुंचीं और सभी घायलों को स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया, जहां सभी खतरे से बाहर हैं.
बताया जा रहा है कि एक्साइज विभाग की हेल्पलाइन से परसाबाजार के थानेदार सह प्रशिक्षु डीएसपी के मोबाइल नंबर पर फोन आया कि टरवां सलारपुर महादलित टोले में अवैध शराब का निर्माण हो रहा है. इसी सूचना पर थानेदार ने रात्रि गश्त कर रहे एएसआई विजय कुमार मांझी, दो सिपाहियों प्रेमजीत सिंह और रघुनंदन ठाकुर और जिप्सी चालक रामाकांत पासवान को छापेमारी करने भेजा. घायल एएसआई विजय कुमार मांझी ने बताया कि हमला सुनियोजित था. थानेदार ने मुझे सूचना दी कि नीरज के घर में अवैध शराब बन रही है. छापेमारी करके लौट रहा था, तभी अचानक हमलोगों पर हमला कर दिया. मेरा सिर फट गया और मैं बेहोश हो गया. ग्रामीणों ने ही मुझे गांव से बाहर किया और जान बची.
हमले के बाद पुलिस पूरी रात हथियार बरामदगी के लिए छापेमारी करती रही. एक एसएलआर रात ही में पानी भरे गड्ढे से बरामद की गई, जबकि दूसरी 18 घंटे के बाद गांव के पश्चिम ओर एक खेत में झाड़ीनुमा जगह पर मिली. इस मामले में 14 नामजद और 10 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पांच नामजद को गिरफ्तार कर लिया गया है.