PATNA : राजधानी पटना में पुलिस के इकबाल पर सवाल उठने लगा है. पटना में अपराधियों के अंदर वर्दीवालों का खौफ खत्म हो गया है. बदमाशों ने महज कुछ ही घंटों के भीतर चार बड़ी वारदात को अंजाम दिया. बदमाशों ने अलग-अलग इलाकों में चार लोगों की हत्या कर दी, जिससे इलाके में सनसनी फ़ैल गई है और पटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं.
पटना में ज्यादातर बड़ी घटनाएं बिहटा इलाके में हो रही हैं. पहले मुखिया पति को गोलियों से भूना और अब बदमाशों ने बालू घाट पर ही बालू कारोबारी को गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया है. 36 घंटे के भीतर बिहटा में चार लोगों की हत्या होने से पूरा इलाका दहल उठा है. दहशत के बीच लोग अपने आप को सुशासन के राज में असुरक्षित महसूस करने लगे हैं.
बीते दिन बिहटा थाना इलाके के अमनाबाद सोन बालू घट पर बेखौफ अपराधियों ने बालू कारोबारी मुना कुमार (35) की हत्या कर दी. मृतक बालू कारोबारी पटना के कटेसर गांव के रहने वाले बलराम राय का बेटा था. बिहटा के थानेदार ऋतुराज सिंह ने बताया कि घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. मृतक मुन्ना बालू के कारोबार के साथ-साथ खेती-किसने भी करता था. इसके खिलाफ अवैध बालू खनन के मामले में पहले से 2 केस भी है. परिजनों के फारद बयान पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है.
गौरतलब हो कि इसी महीने 10 अगस्त को डकैती करने का विरोध करने पर हथियारबंद अपराधियों ने बिहटा बाजार में सर्राफा कारोबारी मंटू कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. कारोबारियों के कड़े विरोध और तत्कालीन थानेदार रहे अतुलेश सिंह को हटाने की मांग पर एसएसपी ने उन्हें हटा दिया. उनके स्थान पर नये थानेदार के रूप में ऋतुराज सिंह की तैनाती की गई. लेकिन इसके बावजूद भी बिहटा क्षेत्र में हत्याओं का सिलसिला थम नहीं रहा है.
पिछले 36 घंटे के भीतर बिहटा में पंचायत चुनाव से पहले मुखिया पति, बालू कारोबारी, बिजली मिस्त्री और किसान की निर्मम तरीके से की गई हत्या इसकी बानगी है. ऐसे में एक बार फिर बिहटा में प्रशासनिक मुस्तैदी और गश्ती पर भी कई सवाल उठने शुरू हो चुके हैं.