पटना में 10 हजार ऑटो वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, अगले साल 31 मार्च तक चला सकते हैं डीजल वाली गाड़ी

पटना में 10 हजार ऑटो वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, अगले साल 31 मार्च तक चला सकते हैं डीजल वाली गाड़ी

PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है. पटना के लगभग दस हजार ऑटो वालों को बिहार सरकार ने एक बड़ी राहत दी है. सरकार ने यह फैसला लिया है कि लोग अगले साल 31 मार्च 2022 तक डीजल वाली गाड़ी चला सकते हैं. शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण में सुधार के लिए सरकार ने पेट्रोल और डीजल की जगह सीएनजी वाली गाड़ियों के परिचालन का जो नियम बनाया है, उसमें थोड़े समय के लिए ढिलाई दी गई है.


गौरतलब हो कि सरकार ने यह फैसला लिया था कि 30 सितंबर तक ही पटना शहरी क्षेत्र में डीजल वाली गाड़ियां चलेंगी. लेकिन अब सरकार ने 6 महीना का समय बढ़ाते हुए ये कह दिया है कि अगले साल 31 मार्च 2022 तक लोग डीजल वाली गाड़ी चला सकते हैं. इसके बाद 1 अप्रैल से डीजल वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध लग जाएगा और ये गाड़ियां नहीं चलेंगी. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने धुआं उगलते ऐसे वाहनों को बंद करने को कहा है. ताकि धुआं से बढ़ते प्रदुषण पर रोक लगाया जा सके.


आपको बता दें कि काफी लंबे समय से यह प्रयास किया जा रहा है कि डीजल वाली गाड़ियों का परिचालन बंद कर वायु प्रदुषण पर नकेल कसी जा सके. हाल ही में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने एडवाइजरी जारी कर आगाह किया था कि समय रहते 15 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन नहीं हटाए गए तो स्थिति खतरनाक हो सकती है. क्योंकि ऐसी पुरानी गाड़ियां शहर के वातावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित कर रहे हैं.


बिहार की राजधानी पटना में वायु प्रदूषण को पुराने डीजल वाहनों को बड़ा कारण माना गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि पटना के अलावा देश के अन्य बड़े शहरों में भी डीजल वाली पुरानी गाडियों के कारण वायु प्रदुषण बढ़ा है. दिल्ली और कोलकाता में भी ऐसी गाड़ियों को बंद करने का निर्णय लिया गया. अब पटना में भी इसे जल्द से जल्द लागू करने की तैयारी है. क्योंकि वायु प्रदुषण से होने से सबसे अधिक स्कूली बच्चे, सामान्य सांस की बीमारी वाले मरीजों में दमा और अस्थमा को बढ़ा देता है. कम उम्र में बच्चे दमा के मरीज बनते जा रहे हैं.


6 महीना का समय बढ़ने के कारण पटना के लगभग 10 हजार ऑटो वालों को एक बड़ी राहत मिली है. पटना के ऑटो यूनियन के मुताबिक राजधानी में लगभग 15 हजार ऑटो हैं, जिसमें से मात्र 4-5 हजार ऑटो में ही अब तक सीएनजी किट लगाकर बदले गए हैं. आटो चालक संघ का कहना है कि बाजार में सीएनजी किट की भी कमी है. 


गौरतलब हो कि बिहार में नितीश कैबिनेट ने 2 साल पहले 7 नवंबर 2019 को ही यह निर्णय लिया था कि उस समय पटना नगर निगम क्षेत्र में 31 जनवरी से पटना, दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ नगर परिषद में डीजल वाली गाड़ियों का परिचालन बंद कर दिया जायेगा. लेकिन इसके बाद 31 मार्च, 2021 तक तीन महीने के लिए डेट बढ़ा दिया गया. तब तक समय दिया गया था कि डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो को सीएनजी में बदल दिया जाये.


आपको मालूम हो कि टेम्पू में सीएनजी किट लगाए जाने पर विभाग अनुदान भी दे रहा है. लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन लगने के कारण डीजल और पेट्रोल से चलने वाले ऑटो को सीएनजी में नहीं बदला जा सका. तब सरकार ने 6 महीने का समय बढ़ाते हुए 30 सितंबर की नई तारीख तय की. लेकिन फिर भी यह काम नहीं हो पाया. लिहाजा विभाग ने अब 6 महीने का समय और बढ़ाते हुए अगले साल 31 मार्च 2022 तक की आखिरी तारीख तय कर दी है.