PATNA : राजधानी पटना में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हवा जहरीली होती जा रही है और इस वजह से लोगों का दम फूलने लगा है। नवंबर के पहले हफ्ते में पटना की हवा इतनी ज्यादा प्रदूषित हो चुकी है कि एक्यूआई लेवल 300 के पार चला गया है। पटना के अलावे राज्य के दूसरे शहरों में भी हवा जहरीली हुई है।
राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ने से लोग तरह–तरह की परेशानी का सामना कर रहे हैं। पटना समेत बिहार के 10 शहर रेड जोन में आ गए हैं। पटना के अलावे बेगूसराय, छपरा, सीवान, समस्तीपुर, कटिहार और मोतिहारी में हवा जहरीली हुई है यानी एक्यूआई लेवल बहुत खराब है। यहां के लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। आठ माह बाद पटना का एक्यूआई लेवल 304 रिकॉर्ड किया गया है। पटना में शुक्रवार को यह 260 के स्तर पर था। इन जिलों में पीएम 2.5 और पीएम 10 मानक से पांच गुना अधिक आंका गया है। राजधानी के गांधी मैदान, तारामंडल, दानापुर, सचिवालय और वेटनरी कॉलेज सहित आसपास के इलाके की स्थिति ज्यादा खराब है। इन इलाकों में गाड़ियों का परिचालन ज्यादा होता है।
एक्सपर्ट की राय में आर्द्रता में कमी आई है, जिसके कारण वायुमंडल के निचले स्तर पर धूल-कण में वृद्धि हुई है। इतना ही नहीं दीपावली और छठ की छुट्टी के बाद सड़कों पर गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। साथ ही टूटी सड़कों पर जब गाड़ियां चलती हैं तो धूल-कण हवा में उड़ते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट मानते हैं कि एक्यूआई लेवल 300 से अधिक होने पर हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिक हो जाती है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे सांस संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है। दिल और फेफड़े को सबसे अधिक नुकसान पहुंचता है। नाक, गला और फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को अधिक नुकसान पहुंच सकता है। अभी लोगों को मास्क लगाना चाहिए।