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गोद में 5 दिन का नवजात और खाने को नमक-चावल, ऐसे गुजर रही है पटना में दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी

1st Bihar Published by: Aryan Anand Updated Tue, 12 May 2020 10:14:31 AM IST

गोद में 5 दिन का नवजात और खाने को नमक-चावल, ऐसे गुजर रही है पटना में दिहाड़ी मजदूरों की जिंदगी

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PATNA :  कोरोना संकट के बीच अभी देश में लॉकडाउन -3 17 मई तक जारी है. लेकिन बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए बिहार के सीएम नीतीश कुमार मई के अंत तक लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं. पर लॉकडाउन का असर रोज कमाने-खाने वाले लोगों पर एक कहर बनकर टूटा है. 

सोमवार की रात हमारी टीम पटना के सड़कों पर निकली. जहां बेली रोड़ पर सचिवालय मोड के पास जहां जड़ी-बूटी बेच कर जीवन यापन करने वाले परिवार पर पड़ी. लॉकडाउन इस  पूरे परिवार पर एक कहर बनकर टूटा है. आज हालत यह है कि इस परिवार को नमक चावल खा कर गुजारा करना पड़ रहा है. 


इस परिवार में सात लोग हैं. जो पटना की सड़क के किनारे ही टेंट लगाकर रहते हैं. इस परिवार का मुखिया जड़ी-बूटी बेचकर अपने परिवार का गुजारा करता था. लेकिन लॉकडाउन की वजह से दूकान बंद है. अब हालत ये है कि इनके पास खाने को कुछ नहीं बचा है. ये नमक चावल खाकर गुजारा कर रहे हैं. इस परिवार में एक 5 दिन का नवजात भी है. उसे भी दूध के अभाव में परिवार चावल का माड़ पिला रहा है. परिवार के बच्चों का कहना है कि भूख जब लगती है तो सड़क किनारे जा रहे लोगों से पैसा या खाना मांगते हैं. पर कोई नहीं देता. सब हमे देखकर दूर से ही निकल जाते हैं. पुलिस देखती है तो डंड़े लेकर भगा देती है. परिवार का कहना है कि हमे कोई सरकारी सहायता नहीं मिलती है. ऐसे में लॉकडाउन और बढ़ाया गया तो हम क्या खाएंगे? हमारे बच्चे कैसे जिंदा रहेंगे.