PATNA : राजधानी पटना के प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात के निधन का लगभग एक महीना पूरा होने वाला है. लेकिन अब तक राजेन्द्र नगर स्थित मगध मेडिका हार्ट हॉस्पिटल ने उनकी बकाया सैलरी परिजनों को नहीं दी. यहां तक कि मेडिका हार्ट हॉस्पिटल ने उनके इलाज में हुए खर्च का भी भुगतान नहीं किया. अस्पताल के इस रवैये को लेकर बुधवार को काफी हंगामा हुआ.
मशहूर कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर प्रभात कुमार के परिजनों ने बुधवार को पटना के राजेन्द्र नगर स्थित मगध मेडिका हार्ट हॉस्पिटल में जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने कार्डियोलोजिस्ट प्रभात कुमार की बकाया सैलरी, इलाज का खर्च और 5 करोड़ के मुआवजे के भुगतान की मांग की. इस दौरान मगध मेडिका हार्ट हॉस्पिटल डॉक्टरों और स्टाफ ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की और दिवंगत डॉ प्रभात के परिजनों की मदद करने की मांग की. बताया जा रहा है कि डॉ प्रभात को दो महीने का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. जबकि उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना काल में मरीजों की जान बचाई.
गौरतलब हो कि मशहूर कार्डियोलोजिस्ट डॉक्टर प्रभात कुमार मगध मेडिका हार्ट हॉस्पिटल वाइस चेयरमैन के रूप में कार्यरत थे. अस्पताल प्रबंधन के इस करतूत से नाराज डॉ प्रभात के परिजनों ने बताया कि उनके निधन के बाद मेडिका ग्रुप का कोई भी शख्स परिजनों से मिलने तक नहीं आया. बीते दिन जब कुछ लोग पहुंचे तो उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही वेतन का भुगतान कर दिया जायेगा. अस्पताल के चेयरमैन आलोक राय ने कहा कि कम्युनिकेशन की कमी के कारण ऐसी स्थिति बनी.
आपको बता दें कि लगभग एक महीने पहले 18 मई को हैदराबाद के एक अस्पताल में प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात का निधन हो गया था. कोरोना के संक्रमण के बाद डॉ प्रभात कुमार के लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था. उनका इलाज लगातार जारी था लेकिन उनकी मौत हो गयी. वे लगभग एक महीने पहले कोरोना से संक्रमित हो गये थे. उनका इलाज पटना के एक निजी अस्पताल में भी चल रहा था.
स्थिति बिगड़ने के बाद डॉक्टर प्रभात को एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था. हैदराबाद के अस्पताल में इलाज के बाद उनकी तबीयत थोड़ी सुधरी थी. लेकिन लंग्स में इंफेक्शन काफी ज्यादा था.
पिछले 24 साल से प्रैक्टिस कर रहे डॉ प्रभात ने 1997 में दिल्ली राम मनोहर लोहिया अस्पताल से नौकरी की शुरूआत की थी. कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद वे पटना आ गये थे औऱ यहीं प्रैक्टिस शुरू कर थी. कुछ दिनों में वे पटना के सबसे प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ बन गये. उनसे इलाज के लिए इतनी भीड़ होती थी कि मरीजों को महीनों पहले नंबर लगाना पड़ता था. डॉ प्रभात समाज सेवा के कामों से भी जुड़े थे औऱ गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे.
डॉ प्रभात ने बिहार में एंजियोप्लास्टी की शुरूआत की थी. उससे पहले एंजियोप्लास्टी के लिए बिहार के लोगों को दिल्ली या दूसरे बड़े महानगरों में जाना पडता था. डॉ प्रभात ने पटना के हार्ट अस्पताल में इसकी शुरूआत की. बाद में पटना के राजेंद्र नगर में हृदय रोग के अस्पताल मेडिका हार्ट इंस्टीच्यूट को स्थापित करने में भी डॉ प्रभात की बड़ी भूमिका रही.