PATNA : राज्य की निचली अदालत इस भीषण गर्मी के दिनों में मॉर्निंग शिफ्ट में काम करेगी या पुरे दिन इस बात का फैसला जिला जज ही कर सकेंगे। हालांकि, इसको लेकर जिलें के अधिवक्ता संघ विचार - विमर्श करने का निर्देश जरूर लेना होगा। इस मामले में उच्च अदालत कोई भी निर्णय नहीं लेगी। यह बातें पटना हाईकोर्ट के तरह से कही गई है। यह निर्णय सभी जजों की फूल कोर्ट की बैठक में लिया गया है।
दरअसल, पटना हाई कोर्ट में अभ्यावेदन देकर यह गुहार लगाई गई थी कि, अंग्रेजों के समय से जो प्रथा चली आ रही है उसे बरकरार रखा जाए। इसमें कहा गया था इस साल के पहले तक गर्मी के मौसम में मॉर्निंग शिफ्ट में कोर्ट चलाया जाता था। यह परंपरा अंग्रेजों के समय से चली आ रही थी। लेकिन इस बार अभी तक इस को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिसके बाद पटना हाई कोर्ट के सभी जजों की पूर्ण पीठ ने कहा कि, इसको लेकर संबंधित जिले के जिला जज ही यह निर्णय लेंगे कि गर्मी में अदालत सुबह चले या पूरे दिन।
सभी जजों की पूर्ण पीठ ने कहा कि संबंधित जिलों के जिला जज वहां के वकील साहब के साथ बैठक का लिया निर्णय लेंगे कोर्ट मॉर्निंग करने की स्थिति में सुबह 7:00 से 12:00 तक या 7:30 से 1:00 तक चलाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि इसको लेकर उस जिले के अधिवक्ता संघ से विचार विमर्श करने के बाद निर्णय लेने का निर्देश हाईकोर्ट की तरफ से दिया गया है।
मालूम हो कि पिछले दिनों वकील संघ की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन और हाईकोर्ट में दिया गया अभ्यावेदन पर हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट नियमावली में बदलाव कर अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे इस प्रथा को समाप्त कर दिया। जिसके बाद राज्य की निचली अदालतों को गर्मी में पूरे दिन के लिए खोल दिया गया है। इसके बाद अब फिर निचली अदालतों के वकील संघ ने हाईकोर्ट में अपना अभ्यावेदन देकर अंग्रेजों की प्रथा को जारी रखने की गुहार लगाई।
इधर, काफी अधिक संख्या में अभ्यावेदन मिलने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले को पूर्ण पीठ के समक्ष रखा। जिसके बाद पूर्ण पीठ ने अपने पूर्व के फैसले में किसी तरह का बदलाव नहीं किया। लेकिन, संबंधित जिले के जिला जज को या अधिकार दे दिया गया कि वकील संघ के साथ बैठक कर कोर्ट को मॉर्निंग करने के बारे में निर्णय ले सकते हैं। पूर्ण पीठ ने निचली अदालत को मॉर्निंग करने की स्थिति में कोर्ट सुबह 7:00 से 12:00 बजे तक नहीं तो सुबह 7:30 से 1:00 तक चलाने का निर्देश दिया है।