'बप्पी लहरी' निकला पटना का घूसखोर इंजीनियर रविंद्र, 5 मिलियन का सोना-चांदी बरामद, इसकी कुंडली खंगालने में जुटे विजिलेंस के अधिकारी

'बप्पी लहरी' निकला पटना का घूसखोर इंजीनियर रविंद्र, 5 मिलियन का सोना-चांदी बरामद, इसकी कुंडली खंगालने में जुटे विजिलेंस के अधिकारी

PATNA : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो यानी कि विजिलेंस के हत्थे चढ़े घूसखोर इंजीनियर रविंद्र की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. निगरानी विभाग के अधिकारी इसकी कुंडली खंगालने में जुटे हैं. लाखों-करोड़ों की अकूत संपत्ति जुटाने वाले इस इंजीनियर के पास से 5 मिलियन रुपये के सोना और चांदी बरामद किये गए हैं.


सोने-चांदी के शौकीन रिश्वतखोर इंजीनियर रविंद्र के पास से 1.5 किलोग्राम सोने के गहने और 4 किलोग्राम चांदी बरामद की गई है. घूसखोर इंजीनियर रविंद्र ने अपनी काली कमाई से करीब 50 लाख रुपये के सोने-चांदी का गहना बनायाम जो इसके घर की तलाशी के दौरान निगरानी के हाथ लगे. यह सोना चांदी अब विजिलेंस के कब्जे में है.



निगरानी ब्यूरो ने इस मामले में और अधिक जानकारी जुटाने में लगी है. 1.43 करोड़ रुपये कैश भी बरामद किये गए थे. जबकि इसकी पत्नी और बच्चों और खुद इसके नाम के बैंक खातों में करीब 53 लाख रुपये जमा हैं. इसके अलावा घूसखोर इंजीनियर रविंद्र और इसकी पत्नी के नाम से 20 लाख के फिक्स डिपॉजिट के कागजात भी हाथ लगे हैं. 



निगरानी ब्यूरो के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगरानी ब्यूरो को कार्यपालक अभियंता के आवास से स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक के साथ ही कुछ अन्य प्राइवेट बैंक के जिन बैंक खाते मिले थे वे सभी फ्रिज करा दिए गए हैं. इस संबंध में ब्यूरो कार्यालय से संबंधित बैंकों को लिखित सूचना भेजी जा चुकी है.



माना जा रहा है कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के रडार पर पुल निर्माण निगम के इंजीनियर रवींद्र कुमार वर्ष 2019 से ही था. निगरानी ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार दो साल पहले से ही रवींद्र कुमार की चल-अचल संपत्ति की जांच शुरू कर दी गयी थी और जमीन और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और साक्ष्य जुटाए जा रहे थे. साल 2004 में नौकरी में आने के बाद इंजीनियर रवींद्र कुमार ने एक के बाद एक आठ प्लॉट खरीदा.