PATNA : आईसीएमआर ने देश के 20 सस्थानों को कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी की इजाजत दी है। पटना एम्स को भी प्लाजमा थेरेपी से इलाज के लिए हरी झंडी दी गयी है। पटना एम्स ने प्लाज्मा थेरेपी की सारी तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि एम्स को इस थेरेपी से इलाज के लिए फिलहाल डोनर की तालाश है।
आईसीएमआर मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बताएगा कि कैसे प्लाज्मा थरेपी शुरू करनी है और किस मरीज पर करनी है। इसके बाद प्लाज्मा थेरेपी संस्थान में शुरू हो जाएगी।हालांकि इस वीडियोक्रांफ्रेंसिंग में देश के 20 संस्थान शामिल होंगे जिन्हें आईसीएमआर ने प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दे रखी है। अब सबसे बड़ा काम है डोनर की तलाश। पटना एम्स में इस प्रोजेक्ट की प्रिंसपल इनवेस्टीगेटर डॉ. नेहा सिंह कहा कि डोनर मिलते ही प्लाज्मा थेरेपी शुरू कर दी जाएगी।
कोरोना के गंभीर मरीज को 100 से 200 एमएल प्लाज्मा देने की जरूरत होती है। कुछ मामलों में अधिक से अधिक 200 एमएल। इसमें कोरोना के संक्रमित मरीज जो इलाज के बाद ठीक हो गए हैं, अस्पताल से छुट्टी होने के 14 से 28 दिन बाद उनका प्लाज्मा लिया जाता है। डोनेशन से पहले मरीज की एंटीबॉडी टाइटर जांची जाती है।