पारसनाथ पहाड़ी को लेकर पूर्व सांसद का विवादित बयान, बोले - आदिवासियों को नहीं सौंपी पहाड़ी तो बाबरी मस्जिद की तरह ...

पारसनाथ पहाड़ी को लेकर पूर्व सांसद का विवादित बयान, बोले - आदिवासियों को नहीं सौंपी पहाड़ी तो बाबरी मस्जिद की तरह ...

Jharkhand News: झारखंड के पूर्व सांसद और आदिवासी सेंगल अभियान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि ''पारसनाथ आदिवासियों का मरांग बुरू (देवता की पहाड़ी) है और इसे उन्हें नहीं सौंपा गया तो यहां के जैन मंदिरों को बाबरी मस्जिद की तरह ध्वस्त कर दिय जाएगा।  मरांग बुरू हम आदिवासियों के लिए हिंदुओं के राम मंदिर की तरह हीआस्था का केंद्र है"। 


दरअसल, सालखन मुर्मू चाईबासा में  आयोजित आदिवासी सेंगल अभियान की एक बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। इसी बैठक में उन्होंने कहा कि, पारसनाथ ही नहीं, देश की सभी पहाड़ियों पर आदिवासियों को अधिकार की लड़ाई अब थमेगी नहीं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, आगामी 11 फरवरी से मरांग बुरू पर अधिकार के मुद्दे परअनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे। 


मालूम हो कि, आदिवासी सेंगल अभियान ने पिछले 17 जनवरी से मारंग बुरु बचाओ भारत यात्रा शुरू की है। सालखन मुर्मू ने कहा कि हमने पांच राज्यों के 50 जिला मुख्यालयों पर विरोध रैलियां आयोजित की हैं। अब तक किसी भी सरकारी एजेंसी ने हमारी मांगों को नहीं सुना है इसलिए हम अब रेल और सड़क जाम करने का विवश हैं। 


आपको बताते चलें कि,झारखंड की पारसनाथ पहाड़ी को लेकर बीते दो महीने से विवाद गहरा उठा है। वैसे तो पारसनाथ पहाड़ी यह देश-दुनिया के जैन धर्मावलंबियों का भी सर्वोच्च तीर्थ स्थल है और इसे वे सम्मेद शिखर और शिखरजी के नाम से जानते हैं। इसे जैन तीर्थस्थल बनाए रखने की मांग को लेकर दिसंबर-जनवरी में जैनियों ने देश-विदेश के कई शहरों में प्रदर्शन किया था। दूसरी तरफ आदिवासी इस पहाड़ी को मरांग बुरू (देवता की पहाड़ी) के रूप में जानते हैं और यहां सदियों से अपनी परंपराओं के अनुसार पूजा करते रहे हैं। अब वे इस पहाड़ी पर पूरी तरह अपना अधिकार मांग रहे हैं।