PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव कब होंगे इस पर अब तक की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। पंचायत चुनाव की घोषणा लगातार ईवीएम के मामले को लेकर आगे बढ़ रही है लेकिन पंचायत चुनाव में राजनीतिक दल के नाम या उसके झंडे और सिंबल के इस्तेमाल को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने महत्वपूर्ण गाइडलाइन जारी की है। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बिहार में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं हो रहा है और अगर ऐसे में कोई उम्मीदवार राजनीतिक दल के नाम या दल के झंडे की आड़ में चुनाव प्रचार करता पाया गया तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने यह गाइडलाइन जारी किया है। आयोग के मुताबिक आदर्श आचार संहिता जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत सह जिलाधिकारी द्वारा संबंधित जिला में चुनाव की सूचना प्रकाशित करने के साथ ही प्रभावी होगी जो चुनाव खत्म होने तक जिले में प्रभावी रहेगी। किसी भी उम्मीदवार को कोई ऐसा कार्य नहीं करना होगा जिससे धर्म संप्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे और उन्हें विदेश यात्राओं पैदा हो साथ ही साथ किसी भी धार्मिक स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता। आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि दलीय आधार पर चुनाव नहीं होने के कारण किसी पार्टी के नाम और उसकी झंडे का इस्तेमाल भी करना संभव नहीं होगा।
पार्टी के झंडे और नाम के इस्तेमाल पर रोक को लेकर गाइडलाइन जारी होना भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के लिए झटका है। इन दोनों दलों ने पंचायत चुनाव में अपने द्वारा समर्थित उम्मीदवारों को जीत दिलाने की रणनीति बनाई है। बीजेपी ने बजाप्ता पंचायती राज प्रकोष्ठ की बैठक बुलाकर इसका ब्लूप्रिंट भी तैयार किया। उधर आरजेडी ने भी अल्पसंख्यक तबके से आने वाले पंचायत प्रतिनिधियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति बनाई। लेकिन अब राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के बाद पार्टी स्तर पर कैसे उम्मीदवारों को मदद दी जाएगी इसे लेकर पेंच फंस गया है। जाहिर है बीजेपी हो या आरजेडी उन्हें छिप छिपाकर ही अपने उम्मीदवारों का समर्थन करना होगा।