DARBHANGA: आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा जेईई एडवांस्ड 2022 का रिजल्ट रविवार को जारी किया गया। इसमें दरभंगा के मिर्जापुर स्थित ओमेगा स्टडी सेंटर के बच्चों ने अपना परचम लहराया है। बच्चों की ये सफलता किसी सपना के सच होने से कम नहीं है। पूरे उत्तर बिहार से पहली बार किसी एक कोचिंग संस्थान से 12 से ज्यादा बच्चों को आईआईटी में नामांकन के लिए चुना गया है।
दरअसल, ये संस्थान पहले से ही आईआईटी जेईई और नीट में बच्चों को सफलता दिलाने के लिए जानी जाती है। लेकिन इस बार ओमेगा के स्टूडेंट्स ने जो सफलता हासिल की है वो काबिल-ऐ-तारीफ़ है। संस्थान के चेयरमैन सुमन कुमार ठाकुर और मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित कुमार चौबे ने अपने सभी पास स्टूडेंट्स को बधाई दी है। इसके लिए उन्होंने सभी टीचर्स और बच्चों के पेरेंट्स को भी उतना ही श्रेय दिया है। उन्होंने बताया कि संस्थान के सफल बच्चों के श्रेणी में, हिमांशु कुमार AIR - 5266, AICR - 632, सौम्या सिन्हा AIR - 5560, अनिकेत AIR - 5898, AICR - 716, हर्ष कुमार मिश्रा AIR - 6161, AICR - 748, सोनू कुमार झा AIR - 9364, AICR - 1203, अमर कुमार AIR - 14688, AICR - 3521, बिक्रम कुमार AIR - 17722, AICR - 4416, चेतन कुमार AIR - 20357, AICR - 5191, कौस्तुव AIR - 20677, मानस अग्रवाल AIR - 22284, AICR - 5765 एवं फरजान राशिद AIR - 27130, AICR - 4066 सहित 12 से अधिक बच्चों ने बेहतर रैंक हासिल कर आईआईटी के रिजल्ट में अपने संस्थान का पूरे राज्य में श्रेष्ठता सिद्ध किया है। यह मिथिलांचल के लिए गौरव का पल है। संस्थान के बच्चों ने हर साल सबसे ज्यादा रिजल्ट देकर यह प्रूफ कर दिया है कि अगर यहां के बच्चों को सही मार्गदर्शन दिया जाए तो उन्हें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है।
संस्थान के चेयरमैन ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित कुमार चौबे का अथक मेहनत है। उन्होंने संस्थान के सभी टीचर्स को धन्यवाद दिया। शिक्षकों में रुपेश कुमार, संतोष कुमार पंडित, प्रवीण कुमार, डी० के० सहित सभी शिक्षकों के साथ-साथ मैनेजमेंट टीम के प्रवीण कुमार, रौशन कुमार और अनुराग कुमार सहित पूरी टीम का विशेष योगदान रहा है।
संस्थान के एमडी सुमित चौबे ने बताया कि आईआईटी में इस तरह का परिणाम देना किसी भी संस्थान के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन संस्थान के पास विशेष शिक्षकों की टीम और काफी मेहनती बच्चे हैं, जिनकी बदौलत ये उपलब्धि मिल पाई है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस तरह परीक्षा को लेकर पूरी प्लानिंग की गई थी वह फिर से सफल हुई, जिसमें रेगुलर क्लास, ऑनलाइन टेस्ट, रेगुलर डाउट क्लास और फोकस्ड सेल्फ स्टडी ने बच्चों को इतने बड़े परीक्षा में सफलता के लिए फिर से तैयार किया।