DELHI: नागरिकता संशोधन कानून के बाद अब केंद्र की मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दे दी है. खबर के मुताबिक 2020 तक एनआरपी लागू किया जा सकता है. एनपीआर का मकसद देश के नागरिकों की व्यापक पहचान का डेटाबेस तैयार करना है. इसमें लोगों की संख्या गिनने के साथ बायोमेट्रिक जानकारी भी होगी.
दरअसल साल 2010 में पहली बार एनपीआर तैयार करने का फैसला हुआ था. 2011 की जनगणना के साथ एनपीआर लागू किया गया था. जानकारी के मुताबिक इस एनपीआर के लिए प्रत्येक व्यक्ति के बारे में 15 जानकारियां जुटाई जाएंगी. जिसमें व्यक्ति का नाम, माता-पिता, लिंग, जन्म, शैक्षणिक योग्यता, पता शामिल हैं. वहीं पिछली बार की तुलना में इस बार कुछ व्यापक जानकारी भी मांगी जा सकती हैं.
आपको बता दें कि एनपीआर जनगणना का हिस्सा है और जनगणना से पहले इसे अपडेट किया जाता है. पहली बार साल 2010 में एनपीआर रजिस्टर तैयार हुआ था और अब 10 साल बाद फिर से इसे अपडेट किया जा रहा है. केंद्र सरकार को साल 2021 तक जनगणना के पूरे आंकड़े जुटाने है, जिसके कारण NPR पर आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा हो सकती है. एनपीआर पर काम अगले साल अप्रैल से शुरू होगा लेकिन अभी से कुछ राजनीतिक दलों ने इसका विरोध करना शुरु कर दिया है.