Dularchand murder case : आधी रात CJM कोर्ट में पेश हुए बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह, जेल भेजने की शुरू हुई तैयारी Anant Singh arrest: मुश्किलों में फंसे मोकामा के 'छोटे सरकार' अनंत सिंह, दुलारचंद यादव की हत्या के समय खुद थे मौजूद दुलारचंद हत्या के मामले में पुलिस ने अनंत सिंह समेत तीन लोगों को किया अरेस्ट, SSP ने कहा - घटना के वक्त खुद मौजूद थे JDU कैंडिडेट Anant Singh arrest : अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद पटना ssp ने बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस! कुछ देर में हो जाएगी आधिकारिक पुष्टि ; क्या होगा मोकामा सीट पर असर बड़ी खबर : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस ने अनंत सिंह को किया अरेस्ट ! दो गाड़ियों से साथ लेकर रवाना हुए सीनियर अधिकारी ! इलाके में चर्चा हुई तेज शिक्षा और शोध में नई दिशा: पटना ISM के चेयरमैन के जन्मदिन पर IJEAM का प्रथम अंक जारी Bihar Crime News: बिहार में इलाज के दौरान महिला की मौत पर हंगामा, अस्पताल छोड़कर भागे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ Bihar Crime News: चुनावी तैयारियों के बीच बिहार में चाकूबाजी की घटना, नाबालिग लड़के की हत्या से हड़कंप Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 20 Aug 2025 11:56:24 AM IST
- फ़ोटो GOOGLE
Ration Card Ineligible Beneficiaries: केंद्र सरकार ने पहली बार उन राशन कार्डधारकों की पहचान की है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त खाद्यान्न योजना का लाभ लेने के पात्र नहीं हैं। इन अपात्र लाभार्थियों में आयकर दाता, चार-पहिया वाहन मालिक और कंपनियों के निदेशक शामिल हैं। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों जैसे आयकर विभाग (CBDT), सड़क परिवहन मंत्रालय (MoRTH), और कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) के डाटाबेस से राशन कार्डधारकों का मिलान कर यह रिपोर्ट तैयार की है।
जांच में सामने आया कि 94.71 लाख कार्डधारक आयकरदाता हैं, 17.51 लाख के पास चार-पहिया वाहन हैं, और 5.31 लाख कंपनी निदेशक के रूप में पंजीकृत हैं। इस प्रकार कुल 1.17 करोड़ राशन कार्डधारकों को अपात्र श्रेणी में रखा गया है।
केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे स्थानीय स्तर पर सत्यापन कर इन अपात्र कार्डधारकों को 30 सितंबर 2025 तक सूची से बाहर करें। इस प्रक्रिया के तहत प्रखंड मुख्यालयों को सूची सौंपी गई है। PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का लाभ लेने वाले लोग वहां जाकर अपना नाम चेक कर सकते हैं।
खाद्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम से प्रतीक्षा सूची में मौजूद वास्तविक जरूरतमंदों को योजना का लाभ मिल सकेगा। साथ ही, यह प्रक्रिया PDS में पारदर्शिता और सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। राशन कार्डों की समीक्षा, डुप्लीकेट कार्ड हटाना, और नई पात्रता पर कार्ड जारी करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होगी।
अब तक 19.17 करोड़ राशन कार्ड जारी किए जा चुके हैं और 76.10 करोड़ लाभार्थी योजना के दायरे में आते हैं। नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी, सालाना 1 लाख रुपये से अधिक आय वाले परिवार, चार-पहिया वाहन मालिक, और आयकरदाता फ्री राशन के लिए पात्र नहीं हैं।
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 8 जुलाई को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजते हुए बताया कि CBDT, CBIC, MoRTH, MCA और PM-किसान के डाटा के आधार पर यह सूची बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस कवायद से PDS की विश्वसनीयता बढ़ेगी और लाभार्थियों की सही पहचान सुनिश्चित हो सकेगी।
सरकार पहले ही 2021 से 2023 के बीच 1.34 करोड़ फर्जी या अपात्र राशन कार्ड रद्द कर चुकी है। वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत सभी पात्र कार्डधारकों को पूरी तरह मुफ्त अनाज दिया जा रहा है।