नो वन किल्ड आदित्य सचदेवा: गया के बहुचर्चित रोड रेज कांड में रॉकी यादव समेत तीनों आरोपी बरी, पुलिस सबूत पेश नहीं कर पायी

नो वन किल्ड आदित्य सचदेवा: गया के बहुचर्चित रोड रेज कांड में रॉकी यादव समेत तीनों आरोपी बरी, पुलिस सबूत पेश नहीं कर पायी

PATNA: 7 साल पहले बिहार के गया में एक युवक आदित्य सचदेवा को बीच सड़क पर गोली मार दी गयी थी. उसका अपराध सिर्फ इतना था कि उसने पीछे से आ रही रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया था. इस घटना ने पूरे देश में हंगामा खड़ा कर दिया था. मामले में राजद के नेता बिंदी यादव और जेडीयू की एमएलसी मनोरमा देनी के बेटे रॉकी यादव को अभियुक्त बनाया गया था. रॉकी के दोस्त टेनी यादव और जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश कुमार को इस वाकये में आरोपी बनाया गया था. पटना हाईकोर्ट ने तीनों आरोपियों को हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया है. 


बुधवार को पटना उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने रॉकी समेत तीनों अभियुक्तों को बरी करने का आदेश दिया है. पटना हाईकोर्ट में जस्टिस ए.एम. बदर और जस्टिस हरीश कुमार की बेंच ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार और पुलिस ये साबित करने में विफल रही है कि इन तीनों ने हत्या की उस घटना को अंजाम दिया था. कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष स्पष्ट, ठोस, भरोसेमंद और पुख्ता सबूत पेश करके उनका अपराध स्थापित करने में विफल रहा. लिहाजा संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी कर दिया गया. 


पटना हाईकोर्ट ने रॉकी यादव समेत तीनों अभियुक्तों को निचली अदालत द्वारा सुनायी गयी सजा को रद्द कर दिया. निचली अदालत ने तीनों को उम्र कैद की सजा सुनायी थी. हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि अगर तीनों से कोई जुर्माना वसूला गया है तो उसे भी वापस किया जाये. 


2016 में हुई थी आदित्य सचदेवा की हत्या 

बता दें कि ये घटना 7 मई 2016 की है. आदित्य सचदेव अपने दोस्तों के साथ बोधगया से गया अपनी कार से लौट रहा था. रास्ते में उसके पीछे से रॉकी यादव की गाड़ी आ रही थी. पुलिस ने कहा कि जब आदित्य सचदेवा ने रॉकी यादव की गाड़ी को साइड नहीं दिया तो रॉकी ने उसे गोली मार दी. आदित्य को अस्पताल ले जाते जाते ही उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी. 


पुलिस ने इस मामले में रॉकी यादव के साथ उसकी गाड़ी में सवार टेनी यादव और रॉकी की मां जेडीयू एमएलसी मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड अंगरक्षक राजेश कुमार को अभियुक्त बनाया था. उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. इस मामले में 9 मई 2016 को रामपुर थाना में कांड संख्या 130/16 दर्ज करायी गयी थी. 


बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गया की अदालत ने इस मामले में तेजी से सुनवाई की और 6 सितंबर 2017 को गया के एडीजे वन सच्चिदानंद सिंह ने रॉकी यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने हत्या के आरोपी टेनी यादव और एमएलसी मनोरमा देवी के बॉडीगार्ड राजेश को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. वहीं रॉकी के पिता बिंदी यादव को सबूत मिटाने और आरोपी को मदद पहुंचाने के आरोप में 5 साल की सजा दी गयी थी. कोरोना के दौरान बिंदी यादव की मौत हो गयी थी.