नियोजित शिक्षकों की हड़ताल : वेतन बंद होने के बावजूद खोल रखा है कोरोना के खिलाफ मोर्चा, सरकार के खिलाफ गुस्सा

नियोजित शिक्षकों की हड़ताल : वेतन बंद होने के बावजूद खोल रखा है कोरोना के खिलाफ मोर्चा, सरकार के खिलाफ गुस्सा

PATNA : प्रदेशभर में नियोजित शिक्षकों का प्रोटेस्ट विद मॉस्क अभियान जारी है। हड़ताली शिक्षक तमाम एहतियातों और खतरों के बीच लोगों में जाकर सावधानी सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर उन्हें जागरुक कर रहे हैं। शिक्षक जनता के बीच इस संदेश को लेकर जा रहे हैं कि कोरोना आपदा की इस चुनौतीपूर्ण बेला में संक्रमण से केवल खुद ही नही बचना है बल्कि दूसरों को भी बचाना है।


बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति कोर टीम के सदस्य और टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के प्रदेश अध्यक्ष मार्कंडेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माण में महती भूमिका निभाते हैं उस समाज के सामने आनेवाले चुनौतियों से टकराने में भी वे पीछे नही रहनेवाले हैं। अपने तमाम समस्याओं और सरकार द्वारा की जा रही हकमारी का मुकाबला करते हुए भी बिहार के नियोजित शिक्षक आपदा की बेला में बिहार के आम अवाम के साथ हैं।


उन्होनें कहा कि सरकार की बेरुखी शिक्षक समाज को आहत कर रही है। आपदा के बावजूद सरकार हड़ताली शिक्षकों की कोई सुध नही ले रही है। सरकार की चरम संवेदनहीनता से शिक्षकों के भीतर आक्रोश सुलग रहा है। सहायक शिक्षक- राज्यकर्मी का दर्जा व पूर्ण वेतनमान एवं समान सेवाशर्त के मसले पर शिक्षक मजबूती से डटे हुए हैं।जागरुकता अभियान में शामिल शिक्षकों से अपील करते हुए उन्होने कहा कि भीड़ संक्रमण के खतरों में बारुद की तरह काम करती है लिहाजा हमें भीड़ इकट्ठा नही करना है बल्कि इकट्ठा भीड़ को, भीड़ के खतरों से अवगत कराना है।


प्रदेश सचिव अमित कुमार नाजिर हुसैन,शाकिर इमाम और प्रदेश कोषाध्यक्ष संजीत पटेल ने कहा कि शिक्षक हड़ताल की अनदेखी, सरकार के संवेदनहीनता का पोल खोल रही है। सरकारी स्कूलों के बच्चों व उसमें कार्यरत नियोजित शिक्षकों के प्रति सरकार का रुख दमनकारी है। शिक्षक संवेदनहीन नही हैं,वे आपदा की घड़ी में अपने पोषक क्षेत्र में जागरुकता अभियान के जरिये अपने बच्चों व लोगों के बीच बने हुए हैं। सरकार को पहल लेते हुए हड़ताली शिक्षकों से बात करनी चाहिए। अपने वाजिब मांगों से शिक्षक रत्तीभर भी पीछे नही हटनेवाले हैं।