PATNA : नियमित शिक्षकों की तरह वेतन,सेवाशर्त,सहायक शिक्षक और राज्यकर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर नियमित शिक्षकों का हड़ताल आज 30 वें दिन भी जारी रही। राज्य के 76000 विद्यालयों में ताले लटके रहे। हड़ताली शिक्षकों ने बिहार सरकार को सख्त चेतावनी दी है।
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के कोर कमिटी सदस्य सह टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि सरकार लाख दमन के बावजूद शिक्षकों की आंदोलन एकता के साथ जारी है। उन्होंने कहा कि बिहार में RTE लागू होने के बाद भी सभी माप दंड को पूरा करने वाले शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान और सहायक शिक्षकों को नही दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की मूल्यांकन की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को अपने कार्यकर्ता संम्मेलन के महा फ्लॉप होने पर अपनी जमीनी हकीकत से जरूर रूबरू हुए होंगे जिसमे पूरी तैयारी के बाद भी गांधी मैदान में 10 हजार लोग भी नहीं जुट सके। उन्होंने कहा कि अविलम्ब हमारी मांगे पूरी नही हुई तो विधानसभा चुनाव में भी हम सरकार का पुरजोर विरोध करेंगे।
राज्य सचिव मोहम्मद नाजिर हुसैन, अमित कुमार,संजीत कुमार उर्फ गुड्डू पटेल ने कहा कि पन्द्रह सौ वाले शिक्षक की बात करते समय मुख्यमंत्री भूल जाते है कि राज्य में RTE लागू हो गया है जिस का लगातार उल्लंघन जारी है। नेताओं ने कहा कि हमे भीख नही अधिकार चाहिए जिसे सर्वोच्च न्यालय ने भी पारा 78 में स्पष्ट किया है।नेताओं ने कहा कि सात निश्चय के व्यख्यान करने वाले मुख्यमंत्री मंत्री जी नल-जल, हरियाली, शौचालय महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की स्तिथि पूरे बिहार की जनता समझ चुकी है। नीतीश जी रघुवर दास जी की भाषा बोलना छोड़े और सहायक शिक्षक के 175000 पदों को अविलंब सृजित करें।
राज्य के हड़ताली नियोजित शिक्षक अपने सामाजिक कर्तव्यों का पालन करते हए वेतन बंद होने के बावजूद अपने क्षेत्रों में जागरूकता अभियान के साथ साथ मास्क सेनेटाइजर एवं साबुन का वितरण भी कर रहे है।