खुद तो डूब चुके हैं अब बच्चों का भविष्य भी डुबाकर कर ही दम लेंगे क्या? नीतीश से कुशवाहा का तीखा सवाल

खुद तो डूब चुके हैं अब बच्चों का भविष्य भी डुबाकर कर ही दम लेंगे क्या? नीतीश से कुशवाहा का तीखा सवाल

PATNA: बिहार का शिक्षा विभाग लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। चाहे विभाग के मंत्री चंद्रशेखर हों या विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक, दोनों को लेकर इस विभाग की चर्चा लगातार होती रही है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद से ही केके पाठक अपने फैसलों से सभी को चौंका रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने शिक्षकों को बोरा बेचने का आदेश जारी किया था। केके पाठक के इस आदेश को लेकर सियासत भी खूब हो रही है और सरकार के मुखिया नीतीश कुमार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं।


हाल ही में एनडीए में शामिल हुई राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केके पाठक के बोरा बेचने वाले आदेश को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है। उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘बड़े भाई आदरणीय नीतीश कुमार, शिक्षकों से पढ़ाने के अलावा सारे अन्य काम करवाए जा रहे हैं, कभी वोटर लिस्ट का काम तो कभी जातीय गणना और अब तो हद ही हो गई है, शिक्षकों को बोरियां बेचने का काम सौंपा गया है..! कुल मिलाकर बिहार के बच्चों का भविष्य चौपट करने का पूरा इंतजाम कर चुके हैं। ख़ुद तो डूब चुके हैं आप अब बिहार के बच्चों का भविष्य भी डुबाकर कर ही दम लेंगे क्या?


दरअसल, बिहार के सरकारी स्कूलों के हेडमास्टरों को नया टास्क मिला है, 20 रूपये प्रति बोरा के हिसाब से बोरा बेचने का। बोरा न सिर्फ बेचना है बल्कि उस पैसे को बड़े जतन को सरकारी खाते में जमा भी कराना हैं। हेडमास्टर पैसे को जिला में भेजेंगे और फिर जिला स्तर पर सारे पैसे को सरकारी खजाने में जमा कराया जायेगा। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने ये फरमान पिछले दिनों जारी किया था। हेडमास्टर बोरा बेच रहे हैं या नहीं इसकी निगरानी भी की जायेगी। शिक्षा विभाग के इस आदेश को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।