नीतीश सरकार का खेल देखिये- बाहर फंसे बिहारियों को वापस लाने के लिए नहीं बल्कि फोन पर बात करने के लिए बनाये गये नोडल ऑफिसर

नीतीश सरकार का खेल देखिये- बाहर फंसे बिहारियों को वापस लाने के लिए नहीं बल्कि फोन पर बात करने के लिए बनाये गये नोडल ऑफिसर

PATNA : कोरोना संकट के बीच देश के अलग अलग राज्यों में फंसे बिहारियों की वापसी के लिए बिहार सरकार ने आज आधा दर्जन अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बना दिया. IAS, IPS और बिहार प्रशासनिक सेवा के डेढ़ दर्जन अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. लेकिन ये नोडल ऑफिसर बिहारियों को वापस लाने की व्यवस्था नहीं करेंगे बल्कि दूसरे राज्यों के अधिकारियों से फोन पर बात करेंगे.


बिहार सरकार के नोड्ल आफिसर
बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने आज लेटर निकाला है. इसमें बिहार कैडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ साथ कुछ बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को नोडल ऑफिसर बनाया गया है. सरकार ने दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लिए पलका सहनी और शैलेंद्र कुमार,  जम्मू कश्मीर- लद्दाख के लिए शैलेंद्र कुमार, पंजाब के लिए मानवजीत सिंह ढिल्लो, हरियाणा के लिए दिवेश सेहरा, राजस्थान के लिए प्रेम सिंह मीणा,  गुजरात के लिए बी कार्तिकेय, उत्तराखंड के लिए विनोद सिंह गुंजियाल, उत्तर प्रदेश के लिए विनोद सिंह गुंजियाल और अनिमेष पराशर,  मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए मयंक बरवडे, उड़ीसा के लिए अनिरुद्ध कुमार,  झारखंड के लिए चंद्रशेखर, पश्चिम बंगाल के लिए आईपीएस किम, असम,मेघालय ,नागालैंड मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के लिए आनंद शर्मा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिए रामचंद्र टू डू, तमिलनाडु और पांडिचेरी के लिए के सेंथिल कुमार, कर्नाटक के लिए प्रतिमा एस वर्मा, महाराष्ट्र और गोवा के लिए आदेश तितरमारे, केरल के लिए सफीना एन को नोड्ल पदाधिकारी बनाया है.


नोडल पदाधिकारी सिर्फ फोन पर बात करेंगे
वैसे अगर आप ये समझ रहे होंगे के लिए राज्य सरकार की ओर से नियुक्त नोडल पदाधिकारी बिहारियों को वापस लाने का प्रबंध करेंगे तो ये ख्याल दिमाग से निकाल दीजिये. राज्य सरकार के पत्र के मुताबित नोडल पदाधिकारी को जिन राज्यों को जिम्मा दिया गया है वे वहां के अधिकारियों से बात करेंगे. पत्र में कहीं भी ये जिक्र नहीं है कि बिहार सरकार उन्हें वापस लाने का कोई इंतजाम करेगी.


बिहार सरकार के पत्र से जो मतलब निकल रहा है वे य़े है कि बिहारियों को वापस भेजने की व्यवस्था या तो वे राज्य करेंगे जहां बिहारी फंसे हैं. या फिर बिहारियों को खुद अपने वापस आने की व्यवस्था करनी होगी. अगर बिहारी जहां फंसे हैं वहां से वापस आते हैं तो ये नोडल अधिकारी बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग को इसकी सूचना दे देंगे.


बिहार सरकार सिर्फ स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करेगी
बिहार सरकार कल ही स्पष्ट कर चुकी है कि अगर बिहारी वापस लौटते हैं तो राज्य सरकार सिर्फ उनके मेडिकल जांच की व्यवस्था करेगी. आपदा प्रबंधन विभाग ने आज जो पत्र लिखा है उसमें भी बिहार सरकार के स्वास्थ्य, पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को प्रवासी बिहारियों के मेडिकल जांच और राज्य के अंदर मूवमेंट पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है.


क्या बिहारियों के साथ मजाक कर रही है बिहार सरकार
बिहार सरकार ने खुद कहा है कि बाहर फंसे 25 लाख बिहारियों ने उससे एक-एक हजार रूपये की मदद मांगी है. इसके बाद 15 लाख लोगों को एक-एक हजार रूपये दिये गये हैं. सवाल ये है कि जिन लोगों को अपने लिए भोजन जुटाने के लिए एक हजार रूपये की जरूरत है वे बस से बिहार आने की व्यवस्था कैसे कर पायेंगे. बिहार सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है.