PATNA : तीन तलाक से लेकर अनुच्छेद 370 पर नीतीश कुमार का विरोध आखिरकार ड्रामा साबित हो गया. नीतीश ने तीन तलाक की तरह ही कश्मीर मसले पर भी भाजपा की मदद कर दी. जेडीयू सांसदों ने राज्यसभा और लोकसभा में कश्मीर मसले पर केंद्र सरकार के खिलाफ वोटिंग के बजाय वोट बहिष्कार का फैसला ले लिया है. जेडीयू के बहिष्कार से मोदी सरकार को अपने इरादे पूरे करने में मदद मिल गयी.
नीतीश का दिखावटी विरोध
नीतीश कुमार काफी पहले से कहते आये हैं कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मसले पर वे नरेंद्र मोदी सरकार का विरोध करेंगे. लेकिन जब वक्त आया तो नीतीश की पार्टी पीठ दिखाकर निकल गयी. संसद में आज जब नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर से धारा अनुच्छेद हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर दोनों को केंद्र शासित राज्य घोषित किया तो नीतीश की पार्टी ने कहा कि वो इसका विरोध करेगी. लेकिन राज्यसभा में नीतीश की पार्टी ने वोट बहिष्कार का फैसला ले लिया. राज्यसभा में जदयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने कोरम पूरा करने वाला भाषण दिया और पार्टी के सांसद सदन से निकल गये.
इतना अहम दिन और RCP सदन से गायब
पूरी दुनिया को मालूम था कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीर को लेकर बड़ा फैसला लेने जा रही है. लेकिन राज्यसभा में जदयू संसदीय दल के नेता सदन से गायब थे. नीतीश कुमार के सबसे खास RCP सिंह दिल्ली पहुंचे ही नहीं. सदन में जब जदयू का पक्ष रखने की बारी आयी तो वशिष्ठ नारायण सिंह भी कन्नी काट गये. हालांकि वशिष्ठ नारायण सिंह संसद गये थे लेकिन राज्यसभा में चर्चा के दौरान वे कहीं नजर नहीं आये. जदयू ने राज्यसभा में रामनाथ ठाकुर से बुलवा कर विरोध का कोरम पूरा किया.
लोकसभा में भी जदयू बहिष्कार करेगा
लोकसभा में भी जदयू ने बहिष्कार का एलान किया है. पार्टी वहां भी कश्मीर पर सरकार के फैसले के खिलाफ वोट नहीं करेगी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि लोकसभा में भी औपचारिक तौर पर सरकार के फैसले के खिलाफ भाषण होगा और जदयू सांसद वोटिंग का बहिष्कार कर चलते बनेंगे.