‘नीतीश को न तो तेजस्वी से प्यार है और ना वे RJD के समर्थक हैं’ NDA से अलग होने की प्रशांत किशोर ने बताई असली वजह

‘नीतीश को न तो तेजस्वी से प्यार है और ना वे RJD के समर्थक हैं’ NDA से अलग होने की प्रशांत किशोर ने बताई असली वजह

PATNA: बिहार में सियासी जमीन तलाश कर रहे प्रशांत किशोर के निशाने पर केंद्र और राज्य सरकार है। पीके विभिन्न जिलों का दौरा कर नरेंद्र मोदी और नीतीश-तेजस्वी की सरकार की पोल खोल रहे हैं। प्रशांत किशोर ने नीतीश की राजनीतिक महात्वाकांक्षा की पोल खोलते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को पता था कि 2024 में लोकसभा का चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सबसे पहले उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने वाली थी। यही कारण है कि सीएम की कुर्सी पर बने रहने के लिए नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया। 


प्रशांत किशोर ने कहा है कि भाजपा की मजबूरी केवल लोकसभा के चुनाव तक थी। लोकसभा में भाजपा एक बार जीतकर आ जाती तो उनकी सरकार दिल्ली में बन जाती, फिर बीजेपी नीतीश कुमार को बिहार में मुख्यमंत्री के पद से हटा देती। इसका अनुमान लगाने के बाद बीजेपी नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन की व्यवस्था बना ली ताकि 2025 तक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें। नीतीश कुमार ने कहा कि अगला चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा लोगों को ये समझ नहीं आ रहा है वो ऐसा क्यों बोल रहे हैं? नीतीश कुमार बिना सोचे-समझे कुछ नहीं बोलते। नीतीश कुमार को न तेजस्वी से प्यार है न कभी वे RJD के समर्थक ही हो सकते हैं।


प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आगामी दोनों चुनाव कब होंगे ये नहीं पता, लेकिन बिहार में जो आज की व्यवस्था है उस तर्ज पर नहीं होंगे। कौन नेता या दल किधर भागेगा ये कोई नहीं जानता है। आज जो व्यवस्था है जिसमें 7 दल एक हो रहे हैं। अगले चुनाव से पहले आप देखेंगे इसमें बड़ा परिवर्तन आएगा। इसकी झलक आपको दिख भी रही होगी। महागठबंधन को 2015 में हमने बनवाया है तो मैं जानता हूं कि इसको बनाने में क्या समस्या है और इसे चलाने में क्या परेशानी आती है, कितना समय और प्रयास करना पड़ता है। 2015 में तीन दलों महागठबंधन था और आज 7 दलों का महागठबंधन है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 में जो महागठबंधन बना था उसमें लालू और नीतीश कुमार कितने बार मिले थे? नीतीश कुमार ने महागठबंधन क्यों बनवाया इसको समझने की जरूरत है? दिल्ली में मिले थे जहां उन्होंने मुझे खुद महागठबंधन बनाने और उसमें शामिल होने को कहा था।