PATNA: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को दोनों ही सदनों में प्रजनन दर पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसी बात कह दी कि सदन में मौजूद महिला सदस्य शर्मसार हो गईं। मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री ने अपने बयान के लिए माफी मांगी और कहा कि वे शर्मसार हैं। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री की मासिक हालत ठीक नहीं है और उनका मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी है।
सम्राट चौधरी ने कहा है कि यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस तरह से नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें अगले दिन पता चला कि उन्होंने सदन में कल क्या बोला था। ऐसे हालात में जब सीएम को कुछ याद नहीं रहता है उनका मेडिकल चेकअप कराना चाहिए। 12 घंटे के बाद अगर किसी मुख्यमंत्री को पता चले कि वे क्या बोले हैं इससे बड़ा शर्मसार करने वाली कोई बात नहीं हो सकती है। सदन में हाथ जोड़कर उनसे आग्रह किया था कि आप गार्जियन हैं बिहार के मुख्यमंत्री हैं, इस तरह का बयान नहीं दें लेकिन मुख्यमंत्री रूके नहीं और बोलते रहे।
उन्होंने कहा कि उन्हें बार-बार याद दिलाया लेकिन इसके बावजूद नीतीश कुमार सदन में महिलाओं को शर्मसार करते रहे। जो महिलाएं विरोध कर रही हैं उनका वे अभिनंदन कर रहे हैं। आपने जो पाप किया पहले उसका जवाब बिहार की महिलाओं को दीजिए। दोनों सदनों के बाद अब तो कैबिनेट में भी इस तरह की बातों की चर्चा करने लगे हैं। उन्होंने राज्यपाल से मांग की कि वे स्वतः संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री का मेडिकल चेकअप कराने के बाद ही उन्हें बिहार चलाने का अधिकार दिया जाए।
वहीं जेडीयू के यह कहने पर कि मुख्यमंत्री जब बोल रहे थे तब बीजेपी के लोगों ने विरोध क्यों नहीं किया, इसपर सम्राट ने कहा कि उन्होंने खुद सदन के भीतर मुख्यमंत्री को टोका था। इसके बाद सदन के बाहर आकर विरोध जताया था लेकिन जो लोग नहीं देख पा रहे हैं उनको क्या कहना है। कुछ राजा के बीरबल हैं जिनको लगता है कि वे सिर्फ राजा की तारीफ करते रहें, उसी में बिहार चलेगा लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है।