पब्लिक रोड पर पकड़ कर नकलोल तोड़ देता! नीतीश की गंदी बात पर लालू परिवार के करीबी MLC का हमला

पब्लिक रोड पर पकड़ कर नकलोल तोड़ देता! नीतीश की गंदी बात पर लालू परिवार के करीबी MLC का हमला

PATNA: शीतकालीन सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों ही सदनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रजनन दर की जिस तरह से व्याख्या की गई उसको लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। एक तरफ जहां विपक्षी दल मुख्यमंत्री को मेंटल करार दे रहे हैं तो वहीं दूसरी लालू परिवार और आरजेडी मुख्यमंत्री के बचाव में उतर गए हैं हालांकि गठबंधन में रहते हुए समय-समय पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बैंड बजाने वाले राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई और एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने इशारो में मुख्यमंत्री पर एक बार फिर तीखा तंज किया है।


दरअसल, बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान मंगलवार को दोनों ही सदनों में प्रजनन दर पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश ने ऐसी बात कह दी कि सदन में मौजूद महिला सदस्य शर्मसार हो गईं। मामले ने तूल पकड़ा तो मुख्यमंत्री ने अपने बयान के लिए माफी मांगी और कहा कि वे शर्मसार हैं। मुख्यमंत्री के बचाव में उतरे डिप्टी सीएम तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सेक्स एजुकेशन की जानकारी दे रहे थे तो वहीं उनकी मां राबड़ी देवी ने बताया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गलती से ऐसा बयान दे दिया है।


अब लालू परिवार के करीबी राजद एमएलसी सुनील सिंह ने नीतीश के उस बयान को लेकर इशारों ही इशारों में तीखा हमला बोला है। सुनील सिंह ने फेसबुक पर दो पोस्ट किए हैं। आरजेडी एमएलसी ने अपने पहले पोस्ट में लिखा कि, ‘ले बलईया यह क्या हुआ? शर्म भी शरमा कर शर्मसार हो गया! ये तो धोती फाड़कर रुमाल हो गया!’ इसके आधे घंटे के बाद सुनील सिंह ने दूसरा पोस्ट लिखा, ‘अगर ऐसा घृणित कृत्य मैं या कोई आम पब्लिक किया होता तो शायद पब्लिक रोड पर पकड़ कर नकलोल तोड़ देता!’


बता दें कि गठबंधन में रहते हुए आरजेडी एमएलसी सुनील कुमार सिंह अपने पोस्ट के जरिये नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहते हैं। सुनील सिंह के पोस्ट को लेकर कई बार बड़ा विवाद भी हो चुका है। खुद लालू यादव ने सुनील सिंह को बयानबाजी बंद करने की सख्त चेतावनी दी थी लेकिन, सुनील सिंह अपने फेसबुक पोस्ट के जरिये नीतीश कुमार पर निशाना साधते रहे हैं। इससे पहले सुनील सिंह ने ठग्गू के लड्डू के जरिए मुख्यमंत्री पर हमला बोला था। उन्होंने फेसबुक पर लिखा था- ऐसा कोई सगा नहीं जिसे हमने ठगा नहीं।