PATNA: निर्भया के आंदोलन में शामिल प्रीति पांडेय ने कहा कि चारों दोषियों को फांसी होने में सात साल लग गए, लेकिन आखिर इंसाफ मिल ही गया. इसको लेकर हमलोगों ने लंबी लड़ाई लगी है. आज का दिन निर्भया को समर्पित है.
प्रीति ने कहा कि निर्मम हत्या के बाद भी तारीख पर तारीख दोषियों को मिलती रही और इंसाफ मिलने में इतना वक्त लगा गया. यह कानून लचर होने के कारण हुआ. निर्भया की मां को हमलोग लड़ते देखते थे. उनको देखने के बाद हमलोगों का मनोबल बढ़ता था. वह बार-बार कहती थी कि दोषियों को फांसी तो जरूर होगी.
आज है न्याय दिवस
प्रीति ने कहा कि भले ही कुछ दिन पहले हमलोग महिला दिवस मना लिए है, लेकिन आज का दिन महिलाओं को लेकर याद किया जाना चाहिए. आज का दिन निर्भया का न्याय दिवस है. लोग याद रखेंगे कि 20 मार्च को क्या हुआ था. लड़कियों पर आंख उठाने से पहले लोग सोचेंगे. बार-बार महिलाओं के कपड़े पर सवाल उठाया जाता है, लेकिन जो समाज में 4-5 साल की बच्चियों के साथ घटनाएं हो रही है. वह कौन से खराब कपड़ा पहनती है. वक्त है कि बेटों को लोग सिखाए कि कैसे महिलाओं के साथ व्यवहार करना है.