GAYA : गया जिला व्यवहार न्यायालय के सब जज 12 के आदेश पर डीएम आवास पर एक नीलामी का इश्तेहार चिपकाया गया है. मामला 40 साल पुराना है, इसमें डीएम के सरकारी आवास को नीलाम करने के संबंध में कोर्ट ने आदेश जारी किया है.
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सैयद वसीम उद्दीन अहमद बनाम बिहार स्टेट एंड अदर्स के बीच चल रही सुनवाई के दौरान डीएम आवास को नीलाम किए जाने संबंधी न्यायिक पत्र जारी किया गया है.
दरअसल यह मामला 1976 का है. उस वक़्त पीर मंसूर रोड के पास उनके नसीम गौर और विक्की शस्त्रों की दो दुकानें थी. एक नसीम एंड कम्पनी व दूसरा जनता आर्म्स स्टोर. दुकान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए उस समय के तत्कालीन डीएम ने शस्त्र बेचने का लाइसेंस सस्पेंड करते हुए दुकान में रखे शस्त्र को जप्त कर लिया और उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया.
इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा और 1982 में सैयद वसीम उद्दीन अहमद मुकदमा जीत गए. 1985 में शस्त्र दुकान के लाइसेंस के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की. 1995 में लाइसेंस रिस्टोर हो गया, इस बीच उनके पिता का 1993 में निधन हो गया लेकिन जब्त शस्त्र उन्हें नहीं मिला.
शस्त्र की वापसी के लिए कोर्ट ने डीएम को शस्त्र के बदले पैसे देने का निर्देश दिया. दो किस्तों में 57,310 रुपये मिले जिस पर असंतोष जाहिर करते हुए वादी ने जिला न्यायालय में गुहार लगाई. कोर्ट में सुनवाई के दौरान 2017 में डीएम द्वारा 57310 रुपये के अलावे 904975.71 रुपये देने का निर्देश जारी किया गया. पैसे नहीं दिए जाने पर उन्होंने डीएम आवास को नीलाम कर उनके पैसे दिलाये जाने सम्बन्धी अपील की. जिसपर हाईकोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया जारी है.
सरकारी वकील AGP नवल किशोर ने बताया की 01/19 केस गया कोर्ट सबजज 12 में है. जिसमें डिग्री होल्डर वसीम उद्दीन है और जमेन्ट डेटा बिहार है. बंदूक का मामला था, कुछ पैसा सरकार के यहां बकाया है, उसी मामले में मनी सूट हुआ है. बिहार स्टेट 2nd हाईकोर्ट में अपिल किया है, जिसका नंबर है 203/18. उसी में स्टे मैटर पेंडिंग है. डीएम आवास पर इश्तेहार चिपकाने को लेकर कहा गया कि स्टे नहीं मिला है इस कारण से इश्तेहार चिपकाया गया है. गया के डीएम ने भी कोर्ट से आग्रह किया है कि जब तक हाईकोर्ट से डिसाइड नहीं हो जाये तब तक इसको रोका जाये. इश्तेहार यहां से जारी हुआ है तो चिपका दिया गया होगा.