RSS: ‘सोने की चिड़िया’ नहीं, भारत को अब ‘शेर’ बनना है, दुनिया को सिर्फ शक्ति की भाषा समझ आती है: मोहन भागवत Bihar News: हमेशा के लिए बदल जाएगी बिहार के इस जिले की तस्वीर, 106 योजनाओं पर खर्च होंगे ₹59 करोड़ Bihar News: 2020 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार होंगे कम मतदाता, पिछली बार 2005 में हुआ था ऐसा INDvsENG: टेस्ट क्रिकेट में भारत ने बनाया नया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 148 साल से नहीं हुआ था यह कारनामा Bihar Weather: बिहार के इन जिलों में आज बारिश का अलर्ट, वज्रपात को लेकर भी IMD ने किया सावधान अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त
1st Bihar Published by: Updated Mon, 17 Jan 2022 08:13:02 AM IST
- फ़ोटो
DESK : कथक के सरताज बिरजू महाराज का निधन हो गया है. दिल का दौरा पड़ने से 83 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. प्रतिष्ठित पद्म विभूषण सम्मान से नवाजे जा चुके बिरजू महाराज को दुनिया भर में लोग कथक सम्राट के तौर पर जानते थे। लखनऊ घराने से ताल्लुक रखने वाले बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को हुआ था।
बिरजू महाराज कथक में नृत्य करने के साथ-साथ शास्त्रीय गायक भी थे और यही वजह थी कि उनकी स्टेज पर केमिस्ट्री कमाल की नजर आती थी। बिरजू महाराज के पिता और गुरु अच्छन महाराज, चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज भी जाने-माने कथक नर्तक रहे थे।
बिरजू महाराज ने देवदास, डेढ़ इश्किया, उमराव जान और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों में कोरियोग्राफी भी की। इतना ही नहीं उन्होंने सत्यजीत राय की मशहूर फिल्म शतरंज के खिलाड़ी में संगीत भी दिया था।
बिरजू महाराज को 1983 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. इसके साथ ही इन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और कालिदास सम्मान भी मिला है.