PATNA: नीट पेपर लीक कांड में ईडी ने मुख्य आरोपी संजीव मुखिया पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने आय से अधिक संपत्ति मिलने पर संजीव मुखिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। ईडी की छापेमारी में संजीव मुखिया के ठिकानों से आय से 144 फीसद अधिक संपत्ति की जानकारी ईडी के हाथ लगी है। पटना पुलिस और ईओयू की टीम ने मंगलवार को संजीव मुखिया के पटना और नालंदा के चार ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान संजीव मुखिया के ठिकानों से जमीन के दस्तावेज, कई गाड़ियों के कागजात, आभूषण और करोड़ों रुपए की चल अचल संपत्ति की जानकारी मिली है, जो संजीव मुखिया के आय से 144 प्रतिशत अधिक है। इसे आधार बनाते हुए ईडी ने बुधवार को संजीव मुखिया के खिलाफ केस दर्ज किया। संजीव मुखिया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने और अपने परिजनों के नाम पर बेतहाशा संपत्ति अर्जीत की है।
नालंदा के नगरनौसा के रहने वाले संजीव मुखिया को लोग लूटन मुखिया के नाम से भी जानते हैं। साल 2010 में पहली बार उसका नाम ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर परीक्षा में नकल कराने में सामने आया था। इसके बाद संजीव मुखिया का नाम बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में हुए पेपर लीक में सामने आया था। यह सिलसिला यहीं नहीं रूका। इसके बाद कई पेपर लीक काडों में इसकी संलिप्तता रही। संजीव मुखिया के बेटा शिवकुमार शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने के मामले में जेल में बंद है।
इसी बीच नीट परीक्षा के पेपर लीक कांड में पूरे देश को हिलाकर रख दिया। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने जो जांच शुरू की वह ईडी और सीबीआई तक जा पहुंची। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में अबतक खई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई और ईडी मामले की जांच कर रही हैं। अब इसी मामले में शिकजा कसते हुए ईडी ने फरार संजीव मुखिया के खिलाफ केस दर्ज किया है।