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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 14 Jan 2024 07:13:18 PM IST
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PATNA: पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव पर नौकरी के मामले में सफेद झूठ बोलने का आरोप लगाया है. सुशील मोदी ने कहा है-अगर हिम्मत है तो मुख्यमंत्री श्वेत पत्र जारी कर बतायें कि किस विभाग में कितनी नौकरी दी गयी. नीतीश कुमार पिछले 17 महीने में बिहार सरकार में हुई नियुक्तियों का पूरा ब्योरा सार्वजनिक करें. बमुश्किल एक लाख शिक्षकों की बहाली करने वाली ये सरकार अपनी पीठ खुद थपथपा रही है. जबकि हकीकत ये है कि जब सरकार में बीजेपी साथ थी तो साढे तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी.
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार 2.17 लाख शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का दावा कर रही है. जबकि हकीकत ये है कि अधिकतम एक लाख नए शिक्षकों की बहाली हुई. बिहार में नियुक्त किये गये 50 हजार शिक्षक बाहरी हैं. करीब 50 हजार शिक्षक ऐसे हैं, जो पहले से ही नियुक्त थे और अब उन्हें दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की सरकार में जब भाजपा शामिल थी तो उस समय सबसे ज्यादा 3.5 लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. लेकिन तब बीजेपी ने न कोई बड़बोला दावा किया और ना सामूहिक फोटो सेशन कराया था.
क्या हुई पहली कलम से 10 लाख नौकरी देने का वादा?
सुशील मोदी ने कहा कि सरकार में शामिल एक नेता पहले घूम घूम कर कहते थे कि अगर हमारी सरकार आयी तो पहली कलम से 10 लाख नौकरी देने की फाइल साइन करेंगे. लेकिन जो सरकार कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने वाली थी, वह 17 महीने बाद 3.6 लाख नौकरी और 5 लाख रोजगार देने का सरासर फर्जी दावा कर रही है. सरकार में अगर हिम्मत है तो सारा ब्योरा सार्वजनिक करे. किस विभाग में कितने लोगों को नौकरी दी, किन 5 लाख लोगों को रोजगार दिया गया.
सिपाही बहाली में क्या हुआ?
सुशील मोदी ने राज्य सरकार से पूछा है कि सिपाही बहाली में क्या सब खेल हुआ और किसने खेल किया. अक्टूबर 2023 में जब सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी, तब सैंकड़ों केंद्रों पर पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद कर दी गई थी. अब तक पता नहीं है कि दोबारा नियुक्ति परीक्षा कब होगी. उन्होंने कहा कि पेपर लीक प्रकरण के दो महीने बाद केंद्रीय चयन परिषद् के अध्यक्ष एस के सिंघल को हटाकर शोभा अहोतकर को यह पद दिया गया, लेकिन सिंघल पर क्या आरोप थे और पेपर लीक होने में उनकी क्या संलिप्तता थी. इस पर सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया है.