ब्रेकिंग न्यूज़

शादी की खुशियां गम में बदली: ट्रक और पिकअप वैन की टक्कर में 5 की मौत, 8 की हालत गंभीर BIHAR: जाली नोटों का सौदागर निकला SAP जवान, 500 रुपये के 123 जाली नोटों से साथ गिरफ्तार मुजफ्फरपुर रेप कांड: मासूम बच्ची का शव पहुंचते ही गांव में पसरा मातम, ग्रामीणों की मदद से किया गया अंतिम संस्कार Bihar Politics: VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महिलाओं से की सीधी बात, छातापुर में की परिवर्तन की अपील Bihar Politics: VIP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा ने महिलाओं से की सीधी बात, छातापुर में की परिवर्तन की अपील Ara News: समाजसेवी अजय सिंह ने बढ़ाए मदद के हाथ, होमगार्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा गद्दा Ara News: समाजसेवी अजय सिंह ने बढ़ाए मदद के हाथ, होमगार्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा गद्दा Patna Crime News: पटना पुलिस को ओपन चैलेंज, बदमाशों ने पति-पत्नी को बंधक बनाकर लूट लिए 16 लाख Patna Crime News: पटना पुलिस को ओपन चैलेंज, बदमाशों ने पति-पत्नी को बंधक बनाकर लूट लिए 16 लाख Bihar Politics: ‘निषाद आरक्षण के अलावा NDA के पास कोई उपाय नहीं’ मछुआरा आयोग के गठन को मुकेश सहनी ने बताया 'लॉलीपॉप'

नसबंदी कराने के दो साल बाद महिला हो गई गर्भवती, स्वास्थ विभाग पर हर्जाने के लिए केस

1st Bihar Published by: Updated Tue, 09 Mar 2021 08:25:46 AM IST

नसबंदी कराने के दो साल बाद महिला हो गई गर्भवती, स्वास्थ विभाग पर हर्जाने के लिए केस

- फ़ोटो

MUZAFFARPUR : सूबे के सरकारी अस्पताल में नसबंदी करवाने के बावजूद एक महिला के गर्भवती होने का मामला अदालत में जा पहुंचा है. नसबंदी के दो साल बाद एक महिला के गर्भवती होने का मामला सामने आया है. अब पीड़ित महिला ने इस मामले में उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया है. पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले का है.


नसबंदी के बावजूद जो महिला गर्भवती हुई उसने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर उपभोक्ता न्यायालय में मामला दर्ज कराया है. पीड़िता ने विभाग से 11 लाख का हर्जाना मांगा है. उपभोक्ता अदालत इस मामले की सुनवाई 16 मार्च को करेगी. पीड़िता फुलकुमारी का आरोप है कि सरकारी अस्पताल में परिवार नियोजन का ऑपरेशन करवाया था. इसके बाद भी वह गर्भवती हो गई है. फुलकुमारी मोतीपुर के महना गांव की रहने वाली हैं. उसने 27 जुलाई 2019 को मोतीपुर पीएचसी में नसबंदी ऑपरेशन करवाया था.


उपभोक्ता अदालत में जो शिकायत दर्ज करायी गई है उसके मुताबिक फुलकुमारी के पहले से चार बच्चे हैं और वह पांचवां बच्चा नहीं चाहती थी. कुछ दिन पहले उसे मालूम हुआ कि वह फिर से गर्भवती हो गई है तो सन्न रह गई. उसका कहना है कि वह एक और बच्चे के भरण-पोषण के लिए बिलकुल तैयार नहीं है. इसीलिए उसने परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराया था. उसने मोतीपुर पीएचसी में जाकर अपने गर्भवती होने की जानकारी दी तो अल्ट्रासाउंड करवाया गया जिसमें गर्भवती होने की पुष्टि हुई. फुलकुमारी ने अब पांचवे बच्चे के पालन-पोषण के लिए सरकार से 11 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर मांगे हैं. इस मामले पर फुलकुमारी के अधिवक्ता डॉ. एसके झा ने कहा कि यह गंभीर मामला है, जिसके लिए स्वास्थ्य महकमे के सर्वोच्च पदाधिकारी भी जिम्मेदार हैं. मामले में प्रधान सचिव के अलावा स्वास्थ्य सचिव, परिवार नियोजन के उपनिदेशक और मोतीपुर पीएचसी के प्रभारी डॉक्टर को पक्षकार बनाया गया है.