'नहीं सर हमको नहीं सुननी आपकी बात ...', परिषद् में CM नीतीश ने मांगी माफ़ी, सम्राट बोले ... कल आपसे हाथ जोड़कर मना किया था

'नहीं सर हमको नहीं सुननी आपकी बात ...', परिषद् में CM नीतीश ने मांगी माफ़ी, सम्राट बोले ... कल आपसे हाथ जोड़कर मना किया था

PATNA : बिहार विधानसभा के बाद विधान परिषद में भी सीएम नीतीश के बयान पर भारी हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सदस्य वेल में पहुंच गए और जमकर हंगामा करने लगे। भाजपा सदस्य नीतीश कुमार के उस बयान पर उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे। 'वो कह रहे थे की सीएम के बातों से पूरे देश को शर्म महसूस हुआ है।


उसके बाद  सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि- जब मुख्यमंत्री ने उक्त बयान को वापस ले लिया है और खेद जता दिया है। इसके बाद अब बात खत्म हो गई। वैसे भी उनका इरादा गलत नहीं थ। तभी सीएम बोलने के खड़ा हुए तो भाजपा के नेता सम्राट चौधरी खड़े हो गए और कहा कि - नहीं सर नहीं सुन्नी आपकी बात, कल भी अपने आपसे हाथ जोड़ मना किया था आपने आपत्तिजनक बातें कही थी। 


वहीं, विजय चौधरी ने कहा कि कल इनलोगों ने सवाल नहीं खड़ा किया आज हंगामा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि रात में इनलोगों को ऊपर से क्लास लगी है।इस दौरान भाजपा के मेंबर और अधिक हंगामा करने लगे उसके बाद सभापति ने विपक्षी सदस्यों को शांत कराने की काफी कोशिश की।लेकिन बीजेपी सदस्य मुख्यमंत्री से सदन में माफी मांगने की जिद पर अड़े थे।


भाजपा के सदस्यों के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री सामने आये। विधान परिषद में सीएम ने कहा कि- आज सबेरे पता चला की कि कुछ बात हो गई है, जिसकी निंदा की जा रही है। मैने अगर कोई ऐसी बात कही जिससे आपको बुरा लगा तो जैसे ही हमको पता चला तो पत्रकारों ने हमसे पूछा तो हमने कहा कि- हम उस बात को वापस लेता हूं। मैं दुःख प्रकट करता हूं और उस बात को खत्म करता हूं। विधानसभा के बाद अब यहां भी यह बात कह रहा हूं। हमलोग तो महिला के हित में काम किए हैं। कौन नहीं जानता है कि बिहार में महिलाओँ को कितना शिक्षित किया है। एक शब्द हमने जो कहा उसको वापस लेता हूं। हमसे कोई गलती शब्द आ गया है उसे वापस लेता हूं।


उधर,  भाजपा सदस्यों के भारी हंगामे के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही को 1 बजे तक स्थगित कर दी है। अब सदन की कार्यवाही आज दोपहर 1 बजे शुरू होगी ऐसे में अब यह देखना है की जब सदन शुरू होगा तो क्या विपक्ष वापस से हंगामेदार रहता है या फिर सदन शांतिपूर्ण तरीके से संचालित होगा।