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1st Bihar Published by: Updated Thu, 27 Oct 2022 02:36:03 PM IST
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PATNA: लोक आस्था का महापर्व का नहाय खाय कल 28 नवबंर को है। नहाय खाय के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ की शुरुआत होगी। 30 नवम्बर को अस्ताचलगामी और 31 नवम्बर को उदयगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। इसे लेकर पटना जिला प्रशासन ने तमाम तैयारियां पूरी कर ली है।
भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ छठ घाटों पर उमड़ती है। छठव्रतियों में ज्यादातर महिलायें होती हैं। गंगा नदी में विभिन्न घाटों पर वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ अर्घ्य देने आती हैं। नहाय-खाय के दिन से ही गंगा नदी में छठव्रतियों का स्नान करना और गंगा नदी से जल ले जाना शुरू हो जाता है, जिस कारण छठ घाटों पर भारी भीड़ उमड़ती है।
ऐसे में दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। खरना के दिन भी काफी संख्या में छठव्रती एवं श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के लिए आते हैं। ऐसा देखा गया है कि इन मौके पर कुछ उपद्रवी तत्व अशांति फैलाने का प्रयास करते हैं। इस तरह की अफवाहों पर ध्यान देना जरूरी है। गौरतलब है कि 2012 में छठ पर्व के दौरान अदालत घाट पर अफवाह के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी। जिसमें कई लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं कई लोग घायल भी हुए थे। इसी तरह 2014 में भी गांधी मैदान, पटना में आयोजित रावण बध के दौरान मची भगदड़ में भी कई लोगों की मौत हो गयी थी वही कई लोग घायल हो गये थे।
नाव पर क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने के कारण 1995 में नारियल घाट पर भीषण नाव हादसा हुआ था। जिसमें 66 लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं 14 जनवरी 2017 को सारण के सबलपुर दियारा में आयोजित पतंग उत्सव के दौरान सबलपुर दियारा से गांधी घाट पटना यात्रियों को लेकर आ रही नाव के हादसे का शिकार हो गयी। जिसमें कई लोगों की मौतें हो गयी थी। इन घटनाओं को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने विधि-व्यवस्था बहाल रखने के लिए परिचालित नावों को छोड़कर किसी भी अन्य नाव के परिचालन पर रोक लगा रखी है।
छठ घाटों पर पटना नगर निगम, दानापुर नगर परिषद एवं अन्य विभागों / कार्य एजेंसियों द्वारा की जा रही आवश्यक व्यवस्थाओं तथा सुरक्षात्मक प्रबंध के निरीक्षण पर्यवेक्षण एवं अनुश्रवण हेतु पूर्व से ही 21 सेक्टर गठित कर पदाधिकारियों एवं अन्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है। वर्तमान में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारीगण यह सुनिश्चित करेंगे कि सम्बद्ध घाट पर सभी व्यवस्थाएं त्रुटिरहित ढंग से कर ली गई हैं। किसी प्रकार की त्रुटि परिलक्षित होने पर निराकरण हेतु आवश्यक कार्रवाई करेंगे तथा इसकी जानकारी अविलम्ब छठ कोषांग को देते हुए आवश्यकतानुरूप अधोहस्ताक्षरी को देंगे।
छठ पूजा के अवसर पर छठ व्रतियों की सुविधा भीड़ नियंत्रण एवं शांतिपूर्ण ढंग से त्योहार को सम्पन्न कराने के उद्देश्य से सभी घाटों पर दण्डाधिकारी / पुलिस पदाधिकारी के अलावा विद्युत विभाग के पदाधिकारी/ चिकित्सा पदाधिकारी एवं उनकी टीम / नगर निगम के कर्मी / नाविक - गोताखोर की प्रतिनियुक्ति की गयी है। घाटों पर प्रतिनियुक्त सेक्टर दंडाधिकारी-सह- नोडल पदाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी का यह संयुक्त रूप से दायित्व होगा कि वे संयुक्तादेश में प्रतिनियुक्त सभी दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल एवं अन्य प्रतिनियुक्त कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई हेतु अधोहस्ताक्षरी को प्रतिवेदित करेंगे। वहीं सेक्टरवार नदी गश्ती दल की प्रतिनियुक्ति की गयी है जिसके लिए मोटर लांच एवं टॉर्च, लाईफ जैकेट, गोताखोर एवं अन्य उपस्करों की व्यवस्था की गयी है। छठ घाटों पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भी तैनात किया गया है।
नदी घाटों पर अत्यधिक भीड़ और कोविड संक्रमण के खतरा को देखते हुए सभी छठव्रती अपने घर पर ही पूजा करें, जिनके लिए नगर निगम प्रशासन के द्वारा गंगा जल पहुंचाने की व्यवस्था की जायेगी। छठ पर्व के दौरान बुखार से ग्रस्त व्यक्ति, 60 साल से ऊपर के व्यक्ति, दस साल से कम उम्र के बच्चे एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों को छठ घाटों पर नहीं जाने की सलाह दी गयी है। छठ घाटों पर COVID-19 से संबंधित जागरूकता फैलायी जाएगी ताकि COVID-19 के संक्रमण से बचा जा सके। छठ पूजा घाटों पर यत्र-तत्र थूकना वर्जित होगा। छठ पूजा घाट के आस-पास खाद्य पदार्थ का स्टॉल नहीं लगाया जायेगा।
तालाब या बड़े जलाशयों पर छठव्रति अर्घ्य देंगी इसकी व्यवस्था की जा रही है। छठ पूजा समिति के वॉलेनटियर की प्रतिनियुक्ति की गयी है। घाट तक आने के लिए संपर्क पथ की व्यवस्था की गयी है। वॉच टॉवर का निर्माण भी किया गया है। सभी घाटों पर छठव्रतियों के लिए चेंजिंग रूम की भी व्यवस्था है। घाटों पर आतिशबाजी करने पर रोक लगायी गयी है खतरनाक घाटों पर बांस बल्ला में लाल झंडा लगा कर उस पर आगे खतरा है का बैनर पोस्टर लगाया गया है। मोटर वोट के माध्यम से नदी में गश्ती दल की व्यवस्था की गयी है। रिवर एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गयी है। घाटों की सफाई करायी जा रही है। वहीं बैरिकेडिंग की भी व्यवस्था की गयी है। सभी घाटों पर कंट्रोल रूम भी बनाये गये हैं।