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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 21 Nov 2024 08:39:37 AM IST
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PATNA : पटना मेट्रो के निर्माणाधीन टनल (सुरंग) में 28 अक्टूबर की रात हुए हादसे और तीन मजदूरों की मौत की वजह एजेंसी की लापरवाही थी। मेट्रो टनल में सुरक्षा मानक के अनुसार काम नहीं हो रहा था। मेट्रो निर्माण कार्य में लगी एजेंसी द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही थी। यह खुलासा मेट्रो टनल निर्माण के दौरान हुए हादसे को लेकर जिला प्रशासन की समिति की जांच में हुआ है।
डीएम ने डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जांच रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव भेजने के साथ ही निर्माण एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई की अनुशंसा की है। इस मामले की जांच के लिए जिलाधिकारी ने पटना के एडीएम विधि-व्यवस्था राजेश रोशन की अध्यक्षता में तीन सदस्य जांच कमेटी का गठन किया था। जांच कमेटी ने लगभग 18 दिनों तक हर बिंदु पर छानबीन की। उसके बाद जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कार्यकारी एजेंसी की ओर से टनल की सुरक्षा एवं हेल्थ प्लान में लोको पायलट द्वारा दैनिक ब्रेक चेकिंग और लोको इंजन की साप्ताहिक सर्विसिंग और उसका रिकॉर्ड रखने का प्रावधान किया गया है। मगर इस नियमावली का एजेंसी की ओर से अनुपालन नहीं किया जा रहा था। एजेंसी की ओर से लोको मशीन के इमरजेंसी या नॉर्मल ब्रेक की थर्ड पार्टी जांच से संबंधित अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया। इससे स्पष्ट है कि लोको इंजन के थर्ड पार्टी जांच नियमित रूप से नहीं कराई जा रही थी। टनल में काम करने के दौरान सुरक्षा संबंधी मानक संचालन प्रक्रिया के पालन में शिथिलता पाई गई है।
वहीं, डीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मशीनरी एवं उपकरणों के रखरखाव एवं सुरक्षा से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया की अनुपालन में एजेंसी ने घोर लापरवाही की है। इसीलिए एजेंसी के पदाधिकारी एवं कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाय, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो सके। रिपोर्ट के मुताबिक एजेंसी में राज्य के बाहर के काफी मजदूर हैं। लेकिन इन मजदूरों का इंटर स्टेट माइग्रेट वर्कर एक्ट 1979 की धारा 4 के तहत निबंधन नहीं कराया गया है। इस नियमावली के तहत अंतर राज्य प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा एवं कल्याण का प्रावधान है लेकिन एजेंसी ने इसमें भी लापरवाही बरती।