मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड : स्वाधार गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें बढी, पुलिस ने SC-ST कोर्ट में दायर की चार्जशीट

मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड : स्वाधार गृह कांड में ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें बढी, पुलिस ने SC-ST कोर्ट में दायर की चार्जशीट

MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर बालिकागृह कांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। स्वधार गृह कांड में शनिवार को ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। महिला थानेदार ने एससी-एसटी कोर्ट में ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। जिसमें स्वधार गृह में रहने वाली 11 महिलाओं और चार बच्चों को गायब करने का आरोप है, जिसकी पुष्टि पुलिस जांच में की गई है।


चार्जशीट में कुल 8 लोगों को गवाह बनाया गया है। पुलिस की अर्जी पर तिहाड़ जेल में बंद मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की बीते 9 मार्च को कोर्ट में ऑनलाइन पेशी हुई थी। नगर डीएसपी ने तीन दिनों के भीतर प्रगति प्रतिवेदन जारी किया था जिसके आधार अब चार्जशीट दायर की गई है। महिला थानेदार नीरू कुमारी ने बताया कि स्वाधार गृह में ब्रजेश ठाकुर पर धारा 188, 363, 366 ए, 406, 409, 420, 467,468 120 बी के तहत चार्जशीट की गई है।


इससे पहले महिला थाने की पुलिस ब्रजेश ठाकुर की राजदार साइस्ता परवीन उर्फ मधु, ब्रजेश ठाकुर के एक रिश्तेदार रामानुज ठाकुर और कृष्णा पर तीन साल पहले 16 जनवरी 2019 को चार्जशीट दायर कर चुकी है। जिसमें ब्रजेश ठाकुर के रिश्तेदार रामानुज ठाकुर की मौत हो चुकी है। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि स्वाधार गृह के डॉ. आरएस ठाकुर, अधीक्षिका अफसाना खातून, सचिव रमेश कुमार, काउंसलर पूनम देवी और क्लर्क एके सिंह के खिलाफ भी जांच के दौरान साक्ष्य पाए गए हैं। इन पांचों की गिरफ्तारी के बाद अलग से पूरक चार्जशीट दायर की जाएगी।


साल 2018 में बालिका गृह कांड का सनसनीखेज मामला सामने आया था। ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ जांच चल रही थी। इसी दौरान स्वधार गृह की जांच भी हुई। जांच में पाया गया था कि 11 महिलाओं और चार बच्चों का कोई अता-पता नहीं है। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार ने महिला थाना में 30 जून 2018 को FIR दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में स्पष्ट किया गया है कि बालिकागृह की तरह ही ब्रजेश ठाकुर की एनजीओ स्वाधार गृह का संचालन कर रही थी।