ब्रेकिंग न्यूज़

प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर हमला: "रेवंत रेड्डी के बयान पर स्पष्ट करें अपनी स्थिति, बिहारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं" जेपी सेतु पर बड़ा हादसा: टक्कर के बाद कार और वैन में लगी आग, दोनों गाड़ियां जलकर खाक पेट्रोल पंप कर्मी की ईमानदारी बनी मिसाल: बाइक सवार का 5 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को लौटाया पर्यावरण दिवस पर भाजपा नेता अजय सिंह ने किया वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प विश्व पर्यावरण दिवस पर संजीव मिश्रा ने की लोगों से अपील, कहा..बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी पर लगाये पौधे बिहार के भाजपा नेता के बयान से भड़के राहुल गांधी, कहा..क्या ऐसे लोग महिलाओं की सुरक्षा करेंगे? Bihar News: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर, 6 लोग बुरी तरह से घायल Bihar News: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर, 6 लोग बुरी तरह से घायल Bihar Politics: दरभंगा में दिखा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फनी मूड, डिप्टी सीएम को करा दिया खड़ा; बोले- डीएम कहां हैं जी? Bihar Politics: दरभंगा में दिखा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फनी मूड, डिप्टी सीएम को करा दिया खड़ा; बोले- डीएम कहां हैं जी?

अनाथ बच्चों का दर्द जानने अचानक बच्चों के बीच पहुंचे मुंगेर डीएम, चॉकलेट, खिलौने और उपहारों से मोहा बच्चों का मन

1st Bihar Published by: 9 Updated Sun, 08 Sep 2019 04:29:45 PM IST

अनाथ बच्चों का दर्द जानने अचानक बच्चों के बीच पहुंचे मुंगेर डीएम, चॉकलेट, खिलौने और उपहारों से मोहा बच्चों का मन

- फ़ोटो

MUNGER: कहते हैं इंसानियत अगर इंसान के दिलों में हो तो उसे अपनी पहचान की कोई फिक्र नहीं होती. होती है तो बस उसे लोगों की जिंदगी को उपर उठाने की फिक्र और उसकी जिंदगी की दुश्वारियों को दूर करने की लालसा. वो भी जब बच्चों की बात हो, उसकी कठिन जिंदगी की बात हो तो बड़े से बड़े पद पर बैठा शख्स भी अपनी भावनाओं और संवेदनाओं को नहीं रोक पाता है. मामला मुंगेर का है जहां रविवार आम तौर पर अधिकारियों के लिए छुट्टियों का दिन होता है. कोशिश होती है इस दिन को अपने परिवार के साथ इंज्वॉय करें अपनी व्यस्त जिंदगी के पल अपने परिवार के साथ बिताएं. लेकिन मुंगेर के डीएम राजेश मीणा कुछ और ही सोचते हैं. खुद की जिंदगी से ज्यादा महत्वपूर्ण उनके लिए दूसरों की जिंदगी में हंसी और उल्लास का रंग भरना है. तभी तो रविवार की छुट्टियों को अपने घर और अपने परिवार के साथ न बिताकर डीएम साहब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ अचानक पहुंच गए अनाथालय. न किसी को खबर, न किसी के साथ. इतना ही नहीं जिलाधिकारी महोदय अपने साथ अनाथालाय में रह रहे बच्चों के लिए ढेर सारा चॉकलेट, मिठाई, बच्चों के खेलने के लिए खिलौने भी ले गये. वो भी सब अपनी जेब से खर्च कर. अनाथालय पहुंचकर डीएम राजेश कुमार मीणा ने बच्चों को उपहार दिए. उनकी दिक्कतों के बारे में वहां के कर्मचारियों से पूछा. बच्चों को अपनी गोद में खिलाया और उनका हालचाल जाना. उनके साथ उनकी पत्नी और उनका छोटा बेटा भी था. जिलाधिकारी महोदय की पत्नी ने भी बच्चों को अपनी गोद में खिलाया और उनका हाल जाना. https://youtu.be/OBup4E04k4Y दरअसल ये किसी अधिकारी का अनाथालय का निरीक्षण दौरा नहीं था. यह दौरा था एक भावनाओं से भरे अधिकारी का जिसने अपने बच्चों की तरह अनाथालय के बच्चों को भी अपना समझा, उसकी परेशानियों को अपना समझा और उनकी बेहतरी के लिए अनोखी पहल की. डीएम राजेश मीणा की इस पहल के आज शहर में चर्चे हो रहे हैं. और बच्चों के साथ बिताए उनके पलों की चर्चाएं अनाथालय में काम कर रही कर्मचारी भी कर रही हैं. शायद ठीक ही तो कहा गया है कि लोगों के दर्द बांटने वाला ही सही मायने में वो अधिकारी होता है जिसके तबादले पर लोग आंसू बहाते हैं और उसकी तरक्की की दिल से कामना करते हैं. मुंगेर से सैफ अली की रिपोर्ट