Bihar Assembly Election 2025: “पहले मतदान, फिर जलपान”, मतदान प्रक्रिया शुरू; PM मोदी ने किया वोटिंग को लेकर अपील Bihar Election 2025 : पटना से मुजफ्फरपुर तक ईवीएम दिक्कतें, कहीं वोट नहीं डालने दिया तो कहीं पोस्टल बैलेट से पड़ा वोट Bihar Assembly Election 2025: पहले चरण की वोटिंग शुरू, मतदाताओं में दिख रहा गजब का उत्साह; हर बूथ पर लगी वोटरों की लंबी कतार Bihar Election 2025 : मोकामा को लेकर वोटिंग के दिन ललन सिंह का बड़ा संदेश,कहा - नरेटिव सेट करने वाले को 14 नवंबर को मिल जाएगा जवाब; जनता ने तय कर लिया अपना मूड Bihar Assembly Election 2025 : लालू परिवार ने पहले चरण के मतदान में डाला वोट, तेजस्वी यादव की पत्नी राजश्री ने भी की भागीदारी Bihar Election 2025: पटना में इतने प्रत्याशी मैदान में उतरे, 48 लाख वोटर करेंगे किस्मत का फैसला; युवा मतदाताओं करेंगे फैसला Bihar Election 2025: आप भी मोबाइल लेकर जा रहे हैं बूथ पर, तो जरुर करें यह काम; मिल रही है यह सुविधाएं Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण का मतदान आज, जानें समय और नियम; बाइक या कार से देने जा रहे वोट, इन जरूरी नियमों का रखें ध्यान Bihar election 2025 : 16 मंत्रियों की साख दांव पर, हर बूथ पर मतदाताओं में दिख रहा उत्साह; फर्स्ट वोटर बनने की मची होड़ Bihar Election 2025: गिरिराज सिंह ने वोटिंग करते ही मुस्लिम महिलाओं को लेकर कहा - हर बुर्का पहने लोगों की हो जांच, सिन्हा ने भी किया मतदान
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 02 Apr 2024 07:57:34 AM IST
- फ़ोटो
DELHI: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी का मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक अंतरिम आवेदन दायर कर 2017 से उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में बंदियों की मौतों, हत्या और मुठभेड़ का मामला उठाया गया है और ऐसे मामलों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है।
दरअसल, वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका के हिस्से के रूप में यह आवेदन दायर किया है। जिसमें राज्य में मुठभेड़ों में मौतों की जांच की मांग की गई है। इसके साथ ही साथ याचिका में बीते 28 मार्च को बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर भी संदेह जताया गया है।
उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च की रात हो गई थी। जेल में देर रात अचानक मुख्तार की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उसको बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया था हालांकि उसके परिजनों और समर्थकों का आरोप है कि मुख्तार की मौत स्वभाविक नहीं थी।
बता दें कि बीते सात साल में यूपी पुलिस की कस्टडी में 10 गैंगस्टरों की मौत हो चुकी है। इनमें से सात की हत्या गोली मारकर उस वक्त कर दी गई जब पुलिस उन्हें या तो कोर्ट ले जा रही थी या जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। पिछले से यूपी के डॉन अतिक अहमद की भी अस्पताल जाने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।