BHOPAL : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को मध्य प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनवाने का जिम्मा मिल गया है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में होने वाले 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में प्रचार अभियान की जिम्मेवारी प्रशांत किशोर को सौंपी है. अगर इस उप चुनाव में कांग्रेस जीत जाती है तो मध्य प्रदेश में फिर से उसकी सरकार बन जायेगी.
प्रशांत किशोर को मिली जिम्मेवारी
दरअसल मध्य प्रदेश में सिर्फ 15 महीने में कांग्रेस की कमलमाथ सरकार की विदाई हो गयी थी. इस प्रमुख राज्य में सत्ता से हाथ धोने के कारण कांग्रेस बेहद आहत है. बीजेपी और कांग्रेसी सरकार के पतन के कारण बने ज्योतिरादित्य सिंधिया से इसका बदला लेने के लिए कांग्रेस 24 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में कड़ी टक्कर देने की तैयारी कर रही है. उपचुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान की रणनीति बनाने का काम प्रशांत किशोर को दिया है.
कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि प्रचार अभियान की कमान संभालने के लिए पार्टी ने तीन कंपनियों के प्रस्ताव पर विचार किया था. लेकिन सभी प्रस्तावों पर विचार के बाद प्रशांत किशोर को ही काम देने का फैसला हुआ. कांग्रेस ने तय किया है कि इस उप चुनाव में सारी ताकत झोंक देनी है. लिहाजा बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस का वॉर रूम भोपाल में न होकर ग्वालियर में होगा. कांग्रेस सिंधिया समर्थक नेताओं के खिलाफ बेहद मजबूत प्रत्याशी उतारने की रणनीति बना रही है.
गौरतलब है कि इसी साल 20 मार्च को मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. बहुमत जुटा पाने में असमर्थ हो गये मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया था. उन्हें अपनी पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के कारण इस्तीफा देने पर मजबूर होना पडा था. ज्योतिरादित्य के विद्रोह और कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी. सिंधिया काफी दिनों से कांग्रेस में हो रही अपनी उपेक्षा के चलते नाराज थे.
लंबे सियासी ड्रामे के बाद कमलनाथ सरकार गिर गयी थी. लेकिन ज्योतिरादित्य समर्थक 22 विधायकों के साथ साथ 2 विधायकों के निधन से खाली हुई सीट पर उपचुनाव होना है. अगर इस उप चुनाव में कांग्रेस जीतती है विधानसभा में फिर कांग्रेस का बहुमत हो जायेगा और बीजेपी की सरकार गिर सकती है. लिहाजा कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक रखी है. आपको बता दें कि भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए इन 24 में कम से कम 10 सीटें जीतनी ही होंगी. वहीं कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए 24 की 24 सीटें जीतनी होंगी.