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1st Bihar Published by: 3 Updated Tue, 20 Aug 2019 12:44:52 PM IST
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DESK : इस साल के अंत तक 3 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान सामने आया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से आरक्षण के समीक्षा की आवश्यकता बताई है। आरक्षण को लेकर संघ प्रमुख का नया बयान बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में परेशानी का सबब बन सकता है। https://www.youtube.com/watch?v=7scYouM9hRI ऐसा पहली बार नहीं है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण की समीक्षा करने की बात कही हो। साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी मोहन भागवत ने आरक्षण को लेकर समीक्षा की बात कही थी। मोहन भागवत के इस बयान को आधार बनाते हुए बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं महागठबंधन ने इसे मुद्दा बनाया था। लालू प्रसाद यादव ने अपने वोटरों को यह समझाया था कि बीजेपी संघ के बताए रास्ते पर चलती है और अगर बिहार में बीजेपी सत्ता में आई तो वह आरक्षण को खत्म कर देगी। आरक्षण पर संघ प्रमुख के दिए गए बयान को लालू प्रसाद ने चुनावी मुद्दा बनाते हुए महागठबंधन के लिए जीत के दरवाजे खोल दिए थे। रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से कहा है कि आरक्षण के सवाल पर दोनों पक्षों को सद्भावनापूर्ण वातावरण में समीक्षा करनी चाहिए। जो लोग आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इनके विरोध ही दोनों पक्षों को यह समझना चाहिए कि आखिर यह व्यवस्था कब तक चल सकती है। भारत में लागू आरक्षण के तहत अनुसूचित जाति को फिलहाल 15 फ़ीसदी, अनुसूचित जनजाति को 7.5 फ़ीसदी, ओबीसी पिछड़ी जातियों के लिए 27 और आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। आरक्षण से बाहर 40.5 नौकरियां सामान्य जातियों के लिए बचती हैं।