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29-Jul-2019 04:43 PM
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PATNA: दरभंगा से राजद के कद्दावर नेता अली अशरफ फातमी ने रविवार को जेडीयू का दामन थाम लिया. उनके जेडीयू में शामिल होने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. खुद फातमी स्वीकर करते हैं कि सीएम नीतीश कुमार से उनकी छह घंटे की मुलाकात में ही वो जेडीयू के हो गए या यूं कह लें कि जेडीयू ने उन्हें अपना लिया. राजनीतिक उठापटक के चलते दूर हुए फातमी राजनीतिक उठापटक की यह कहानी लोकसभा चुनाव 2019 से शुरु होती है. दरभंगा से राजद के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री अली अशरफ फातमी इस सीट से अपनी दावेदारी को लेकर निश्चिंत थे. उन्हें भरोसा था कि महागठबंधन में यह सीट आरजेडी के खाते में आएगी और वो यहां से पार्टी के लोकसभा के उम्मदीवार होंगे. महागठबंधन में सीटों के बंटवारे के बाद दरभंगा की सीट राजद के खाते में आयी. लेकिन राजनीति ने पलटा खाया और अली अशरफ फातमी को यहां से टिकट न देकर आरजेडी ने अपने पुराने नेता और विधायक अब्दुल बारी सिद्दीकी को टिकट दे दिया. टिकट बंटवारे से नाराज बस यहीं से अली अशरफ फातमी और आरजेडी के संबंधों ने करवट लेना शुरु कर दिया. टिकट बंटवारे से नाराज फातमी ने दरभंगा से निर्द्लीय उम्मीदवार को तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. हालांकि फातमी ने आखिरकार अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं की. लेकिन लालू प्रसाद की गैर मौजूदगी में तेजस्वी से उपजी नाराजगी ने फातमी को नीतीश कुमार के नजदीक ला दिया. 3 दिन और 6 घंटे की मुलाकात ने दिखाया रंग अपनी बारी का इंतजार कर रहे फातमी ने पटना आकर सीएम से पहले दिन ढाई घंटे की मुलाकात की. फातमी इस बात को स्वीकार करते हैं कि दूसरे दिन उन्होंने मुख्यमंत्री से ढाई घंटे से कुछ अधिक और तीसरे दिन करीब सवा घंटे तक उन्होंने सीएम से मुलाकात की. बस इसी 3 दिन औ 6 घंटे की मुलाकात ने राजद के बागी नेता अली अशरफ फातमी को जेडीयू के करीब ला दिया. नीतीश कुमार से आखिरी मुलाकात के बाद ही उन्होंने जेडीयू में शामिल होने की घोषणा कर दी और कहा कि वो अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ पार्टी में शामिल होंगे. नीतीश कुमार की तारीफ और आखिरकार रविवार को उन्होंने जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की मौजूदगी में जेडीयू का दामन थाम लिया और नीतीश कुमार की जमकर सराहना की. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आज उन्हें न्याय मिला है. RJD को नुकसान पहुंचा सकते हैं फातमी फातमी के जेडीयू में शामिल होने के बाद दरभंगा में पार्टी की हालत मजबूत हुई है. फातमी को जिले के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाता है और वो यहां से सांसद भी रहे हैं साथ ही वो केंद्र में मंत्री भी रह चुके हैं. जेडीयू में शामिल होने के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक पकड़ भी बता दी और कहा कि वो छात्र जीवन से ही राजनीति कर रहे हैं. अब राज्य का विधानसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में फातमी निश्चित तौर पर दरभंगा और उसके आसपास के जिलों में राजद को नुकसान पहुंचा सकते हैं. पटना से राहुल सिंह की रिपोर्ट