PATNA : पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने आज सचिवालय में विकास भवन के तीसरे तल्ले पर अपने कार्यालय में पदभार ग्रहण कर लिया. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि उनका पहला लक्ष्य पशुपालक और मत्स्यपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना होगा. उन्होंने कहा कि 3 महीने के भीतर मछुआरों को मछुआ आवास दिए जायेंगे. उन्होंने अपने विभाग के सभी निदेशालयों के निदेशक को यह निर्देश दिया कि सभी अपने-अपने विभाग का लघु अवधि एवं दीर्घ अवधि की प्लानिंग कर आगे का कार्य करेगें.
मंत्री मुकेश सहनी ने आगे कहा कि सभी पदाधिकारीगण नौकरी नहीं, सेवा करेंगे. मंत्रीत्व काल में सभी पशुपालक भाईयों तक मत्स्यपालकों के विकास का कार्य इस तरह से किया जाएगा, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर लाभुकों को पारदर्शी तरीके से मिल सके. मछुआरा बन्धुओं को मछली उत्पादों का विपणन का साधन मुहैया कराया जाएगा, ताकि उन्हें सही मूल्य मिल सके. इसी तरह पशुपालकों के लिए चल रही योजनाओं का कर्यान्वयन भी किया जाएगा ताकि योजनाओं का लाभ सीधे पशुपालकों तक पहुचे.
पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने आज अपने विभाग के सचिव को 9 बिंदुओं पर कार्य करने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए, जो प्राथमिकता के आधार पर किये जायेगें. इसमें राज्य द्वारा वर्ष 2019-20 हेतु मछुआरों के लिए स्वीकृत मछुआ आवास को तीन माह के अन्दर पूर्ण कराना, सभी सरकारी तालाबों और जलकरों को अतिक्रमण मुक्त मिशन-मोड में कराना, राज्य के सभी तालाबों और जलकरों का बीमा कराना, राज्य में अवस्थित रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संसाधन विभाग और अन्य सभी विभागों में अवस्थित जलकरों और तालाबों का स्थानान्तरण मत्स्य विभाग में कराना और राज्य स्तर पर मत्स्य, पशुपालन, डेयरी के कोषांग का गठन कराना प्रमुख है.
इसके अलावा उन्होंने जिला स्तर पर जन शिकायत कोषांग का गठन कराना एवं शिकायत अथवा परिवाद को जिला मत्स्य कार्यालय/जिला पशु पालन कार्यालय/जिला गव्य विकास कार्यालय में जमा करने के उपरान्त उसकी एक प्रति राज्य स्तरीय जन शिकायत कोषांग में उपलब्ध कराना परिवाद पत्र ऑफलाइन/ऑनलाइन दोनों स्तरों पर जमा कराना, मछुआरों का सुरक्षा बीमा योजना के तहत पाँच लाख तक का नि:शुल्क बीमा का कार्य अगले छः माह के अन्दर अभियान चलाकर पूर्ण कराना, विभागों में सभी तरह के रिक्त पदों पर नयी बहाली की प्रक्रिया जल्द पूर्ण कराना और मत्स्य पालाकों एवं पशुपालकों हेतु ऋण की व्यवस्था को सुदृढ़ कराने के लिए भी निर्देश दिया.