मांझी खुद बोले रहे हैं या बुलवाया जा रहा है: आज फिर बीजेपी को लताड़ा, कहा- मदरसों पर सवाल उठाने वाले देश विरोधी

मांझी खुद बोले रहे हैं या बुलवाया जा रहा है: आज फिर बीजेपी को लताड़ा, कहा- मदरसों पर सवाल उठाने वाले देश विरोधी

PATNA : बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी खुद बोल रहे हैं या फिर उन्हें बुलवाया जा रहा है. मांझी के बीजेपी पर ताबड़तोड हमलों के बाद यही सवाल उठ रहा है. जीतन राम मांझी ने आज फिर से बांका मदरसा विस्फोट को लेकर बीजेपी को लताड़ा. कहा- मदरसों पर सवाल उठाने वाले देश विरोधी हैं. एक सप्ताह में ये लगातार पांचवा वाकया है जब जीतन राम मांझी या उनकी पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ खुली बयानबाजी की है.


बांका मदरसा कांड पर क्या बोले मांझी
जीतन राम मांझी ने आज बांका मदरसा विस्फोट पर बयान दिया. कहा-मदरसों में आतंकवाद की बात करने वाले देश विरोधी हैं. उन्होंने इसे दलितों से जोड़ दिया. मांझी बोले-जब दलित अपनी बात उठाता है तो उसके नक्सली करार दे दिया जाता है. उसी तरीके से जब मुसलमानों के बच्चे मदरसे में पढ़ने जाते हैं तो उन्हें आतंकवादी करार दिया जाता है. ये दलितों औऱ मुसलमानों के खिलाफ साजिश है. जो लोग मदरसों पर सवाल उठा रहे हैं वे देश के दुश्मन हैं. मांझी ने कहा कि बांका में अगर विस्फोट हुआ है तो उसकी जांच होगी लेकिन उसे आतंकवाद से जोड़ने की बात का वे पुरजोर विरोध करते हैं.


हम आपको बता दें कि बांका मदरसा विस्फोट के बाद सबसे ज्यादा बेचैनी बीजेपी में ही पसरी है. बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि मदरसे आतंकवाद के अड्डे बन गये हैं. उन्हे तत्काल बंद कराया जाना चाहिये. बीजेपी के कई औऱ नेताओं ने भी मदरसों को लेकर सवाल खड़ा किया. शुरू से ही बीजेपी मदरसों को लेकर सवाल उठाते रही है. मांझी ने मदरसों को लेकर बीजेपी के स्टैंड के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया. 


बीजेपी पर ताबड़तोड़ हमला कर रहे हैं मांझी
एक दिन पहले यानि बुधवार को मांझी की पार्टी हम ने बीजेपी पर नीतीश कुमार की सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. मांझी की पार्टी ने कहा था कि बांका में विस्फोट पर सवाल उठाने की मंशा यही है कि नीतीश कुमार की सरकार डंवाडोल किया जाये. लेकिन हम पार्टी ऐसा होने नहीं देगी.


उससे पहले दलितों पर मुसलमानों के अत्याचार के मसले पर भी जीतन राम मांझी ने बीजेपी को जमकर खरीखोटी सुनायी थी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने दलितों पर मुसलमानों के अत्याचार का आरोप लगाया था. संजय जायसवाल ने चंपारण में मुसलमानों द्वारा दलितों के साथ किये गये अत्याचार के कई उदाहरण दिये थे. बीजेपी कोटे से राज्य सरकार में मंत्री जनक राम ने बकायदा पत्र लिखकर गोपालगंज औऱ जमुई में नाबालिग दलित लड़कियों को अगवा कर उनका धर्म परिवर्तन कराने औऱ उनसे निकाह करने की बात कही थी. वहीं पूर्णिया के बायसी में दलित टोले पर मुसलमानों के हमले को भी बीजेपी ने बड़ा मुद्दा बनाया था.


जीतन राम मांझी ने कहा था कि पूर्णिया की घटना के बाद वहाँ के मुस्लिम समाज के लोगों ने दलितों का काफी मदद की. इससे साबित हो गया कि दलित-मुस्लिम एकजुट है. दलित-मुस्लिम एकता से जिन लोगों के पेट में दर्द हो रहा है वही बिहार सरकार के उपर उंगली उठा रहें हैं. 


बीजेपी पर हमला नीतीश से मोहब्बत
दिलचस्प बात ये है कि मांझी बीजेपी पर ताबडतोड़ हमला कर रहे हैं वहीं नीतीश से उतना ही ज्यादा प्यार दिखा रहे हैं. मांझी ने कोरोना के वैक्सीन पर प्रधानमंत्री की तस्वीर होने पर भी सवाल उठाते हुए उस पर मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाने की मांग कर दी थी. जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के हर फैसले की तारीफ करने में लगे हैं. 


खुद बोल रहे हैं मांझी या बुलवाया जा रहा है
सियासी गलियारे में सवाल ये उठ रहा है कि जीतन राम मांझी खुद बोल रहे हैं या उनसे बुलवाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री आवास से डायरेक्ट संपर्क में हैं. दिलचस्प बात ये भी है कि वैसे तमाम मसलों पर बीजेपी के खिलाफ बोल रहे हैं जिससे जेडीयू को परेशानी होती है. यानि अगर किसी मामले में बीजेपी के स्टैंड से जेडीयू को परेशानी हो रही है तो जीतन राम मांझी भाजपा को जवाब देने मैदान में आ जाते हैं. 


सियासी जानकारों की मानें तो मांझी बोल नहीं रहे हैं बल्कि बुलवाया जा रहा है. हम पार्टी के एक नेता के मुताबिक अगले साल यानि 2022 में मांझी को विधान परिषद के चुनाव में कुछ एडजस्टमेंट का भी आश्वासन मिला है. वहीं ट्रांसफर पोस्टिंग में भी उनकी सिफारिश को पर्याप्त तवज्जो दिया जा रहा है. पूर्व सीएम होने के नाते जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से कई सुविधाओँ की मांग की थी. उनमें से ज्यादातर पूरी कर दी गयीं. लिहाजा चर्चा यही है कि नीतीश कुमार बीजेपी को जो जवाब खुद नहीं दे सकते वो मांझी से बुलवाया जा रहा है. 


हालांकि जीतन राम मांझी ने किसी के इशारे पर बोलने की बात से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि वे जो बोलते हैं अपने मन से बोलते हैं. उन्हें कोई प्रेरित नहीं कर सकता.