मांगों को लेकर अड़ा कुरमी समाज : 5 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी, झारखंड आने वाली राजधानी समेत 60 ट्रेनें रद्द

मांगों को लेकर अड़ा कुरमी समाज : 5 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी, झारखंड आने वाली राजधानी समेत 60 ट्रेनें रद्द

RANCHI : दक्षिण पूर्व रेलवे जोन के पश्चिम बंगाल स्थित कुस्तौर और खेमासुली स्टेशन पर कुरमी जाति को एसटी का दर्जा देने की मांग पर पांचवें दिन रविवार को भी जारी है। अपनी मांगों को लेकर इनलोगों रेललाइन जाम कर रखा है। इससे रेलवे ने 82 ट्रेनों का आवागमन रद्द कर दिया, क्योंकि टाटानगर से खड़गपुर के बीच लाइन पर एक हजार से ज्यादा लोगों के बैठने से ट्रेन सेवा ठप है। इस आंदोलन से विभिन्न राज्यों के करीब 45 हजार यात्री परेशान हो रहे हैं। 


मिली जानकारी के मुताबिक, दक्षिण पूर्व जोन ने शनिवार की भी 60 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इनमें टाटानगर से बिहार, दिल्ली, मुंबई, हावड़ा व पुरी मार्ग की 46 ट्रेनें हैं। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार कुड़मी आंदोलन लंबा चल सकता है। आज जो ट्रेने रद्द रहेंगी उनमें धनबाद-अल्लपुजा (एलेप्पी), हटिया-खड़गपुर एक्सप्रेस, रांची-खड़गपुर मेमू, हटिया-हावड़ा क्रियायोग, गोरखपुर-हटिया मौर्य एक्सप्रेस, रांची-धनबाद एक्सप्रेस, रांची-कामाख्या स्पेशल, रांची-पटना जनशताब्दी, हटिया-आंनदविहार एक्सप्रेस को रद्द किया गया है। 


इसके आलावा रांची-दुमका एक्सप्रेस, रांची-भागलपुर एक्सप्रेस, हटिया-बर्द्धमान मेमू, हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, अजमेर-संतरागाछी एक्सप्रेस, हटिया-टाटानगर एक्सप्रेस, रांची-गोड्डा एक्सप्रेस, हटिया-पटना एक्सप्रेस, हटिया-इस्लामपुर एक्सप्रेस, हटिया-पूर्णिया कोर्ट, रांची-हावड़ा एक्सप्रेस, आरा-रांची एक्सप्रेस, धनबाद रांची इंटरसिटी आदि शामिल हैं। 


मालूम हो कि, रेलवे लाइन जाम के कारण पांच दिन में रेलवे अबतक 350 ट्रेनों को रद्द कर चुका है। इसके साथ ही 44 ट्रेनों को बदले मार्ग पर चलाया जा रहा है। लेकिन रेल मंत्रालय या फिर राज्य सरकार चुप्पी साधे बैठी हैं, जबकि 70-80 मालगाड़ियों के नहीं चलने से लोडिंग व ढुलाई प्रभावित होने के साथ चक्रधरपुर मंडल को राजस्व का रोज करोड़ों का नुकसान हो रहा है।


आपको बताते चलें कि, लगातार हावड़ा-पटना मार्ग पर ट्रेन परिचालन ठप होने से टाटानगर रेलवे को अबतक करीब 45 लाख, जबकि चक्रधरपुर मंडल के अन्य स्टेशनों पर रोज 10-15 लाख का नुकसान होने की उम्मीद है। रोज दो से ढाई हजार टिकट रिफंड होने और बंगाल, बिहार व ओडिशा मार्ग की ट्रेनों में टिकट बुक नहीं होने से घाटा हो रहा है।