'मजनू की तरह मैंने भी नीतीश की चौखट पर सर मारा, पर नहीं खुला उनका दरवाजा'

'मजनू की तरह मैंने भी नीतीश की चौखट पर सर मारा, पर नहीं खुला उनका दरवाजा'

PATNA : शिवानंद तिवारी ने पॉलिटिक्स से एक्जिट के बाद फिर से इसमें इंट्री मार दी है। बाबा लालू के दर पर दोबारा पहुंच गए हैं। लेकिन वे इन दिनों खूब राजनीतिक कथा बांच रहे हैं। अब तिवारी बाबा की एक नयी 'कथा' सामने आय़ी है।  जिसमें वे नीतीश कुमार की खुल कर बड़ाई करते नजर आ रहे है और तंज वाले अंदाज में ताना भी मार रहे हैं। पहले आप खुद ही पढ़िए क्या लिखा हैं उन्होनें अपने फेसबुक पोस्ट फिर आपको बताएंगे  पूरा फंसाना। 


शिवानंद तिवारी का फेसबुक पोस्ट -- 

नीतीश कुमार कुमार की ओर ललचाई निगाह से देखने वालों की तादाद कम नहीं है ! एक समय तो मैं भी उन लोगों में शामिल था. मेरी पहुँच तो उनके चौखट तक थी. मजनू की तरह उनकी चौखट पर मैंने खूब सर मारा. लेकिन उनका दरवाजा नहीं खुला ! दरअसल उनकी खिड़की पर सिटी बजाकर उन्हें ललचाने वाले लोग भूल जा रहे हैं कि एक मर्तबा नरेंद्र मोदी को तलाक़ देकर 2014 तक अकेले रहे. लेकिन जल्दी ही उन्हें एहसास हो गया कि अकेले उनकी सियासत का गुजर-बसर चलने वाला नहीं है. दरअसल नीतीश अकेले रह ही नहीं सकते हैं. बग़ैर जोड़ी बनाए उनकी ‘सत्तामुखी मुखी’ राजनीति चल ही नहीं सकती है ! इसलिए लालू यादव से उन्होंने हलाला कर लिया. उन्होंने महसूस कर लिया था कि नरेंद्र भाई मोदी की गोदी ही उनके लिए ज़्यादा सुरक्षित है. इसलिए लालू जी को तलाक़ देकर पुनः उन्होंने मोदी जी से निकाह कर लिया. मोदी जी की गोदी की उष्मा में सुकून के साथ वहीं से परलोक यात्रा का सपना देख रहे हैं. इसके बावजूद उनपर डोरे डालने वालों की कमी नहीं है. ऐसे लोग ‘लोर’ टपकाते रहेंगे. लेकिन नीतीश कुमार फिर पुरानी गलती दुहराने वाले नहीं हैं ! हाँ, उनकी खिड़की पर सिटी बजाने वाले जब तक रहेंगे तब तक मोदी जीं भी उनसे सशंकित रहेंगे. सावधानी के साथ नीतीश कुमार से बरताव करेंगे और उनके नख़रों को सहन करते रहेंगे. इसलिए नीतीश के तो आजकल बल्ले-बल्ले हैं भाई !!!!


पूरा पोस्ट आपने पढ़ लिया होगा। अब ये लग रहा होगा कि आखिरकार बाबा शिवानंद तिवारी नीतीश कुमार को इतना मस्का क्यों लगा रहे हैं। आखिर क्या बात है कहीं जेडीयू  में जाने की जुगत तो नहीं भिड़ा रहे। अपने दिल की तो वो ही जाने । लेकिन बाबा इन दिनों कहानी खूब गढ़ रहे हैं। अभी भूत वाली कहानी भी तो उन्होनें कुछ दिन पहले ही सुनाई थी जब नीतीश ने साल के पहले दिन सीएम आवास में भूत की चर्चा छेड़ दी थी।


तब शिवानंद तिवारी ने दावा किया था कि खुले तौर पर अपने को तर्कवादी कहने वाले जदयू सुप्रीमो ने एक बार अपने अजेय प्रतिद्वंद्वी से बदला लेने के लिए काले जादू का सहारा लिया था। उन्होंने कहा कि एक बार लालू जी ने उनसे कहा था कि नीतीश ने उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए पटना के दरभंगा हाउस के काली मंदिर में टोना टोटका करवाया। शिवानंद ने कहा कि जब पुरोहितों को पता चला कि यह लालू जी को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया तब उन्होंने लालू को इसकी जानकारी दी। इसके बाद काले जादू का मुकाबला करने के लिए लालू ने भी कुछ करवाया लेकिन वह उन्हें (तिवारी को) याद नहीं है।


दरअसल नीतीश कुमार ने नववर्ष के मौके पर मुख्यमंत्री के आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा और इस दौरान नीतीश कुमार ने कई पुराने किस्से सुनाए। इस दौरान उन्होंने भूत का मजेदार किस्सा सुनाया। नीतीश कुमार ने बताया कि जब वे 2006 में पटना के 1 अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में रहने आए थे तब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी सह पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मुख्यमंत्री आवास के आवासीय परिसर से दो फीट मिट्‌टी तक ले गए थे। इतना ही नहीं, उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के घर की दीवारों पर जगह-जगह छोटी-छोटी पुड़िया भी रखी थी।


इधर बाबा शिवानंद तिवारी अपने पार्टी के अंदर मचे घमासान भी कूद पड़े हैं। उन्होनें तेजस्वी यादव और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ रघुवंश प्रसाद सिंह का बखूबी साथ दिया है। लालू को लिखी रघुवंश की चिट्ठी को उन्होनें सही ठहराते हुए पार्टी में कम्यूनिकेशन गैप की बात कही है। शिवानन्द तिवारी ने कहा कि रघुवंश प्रसाद की चिट्ठी में ऐसा कुछ भी गलत नहीं लिखा है, जिसका विरोध किया जाए। पार्टी के भीतर लोकतंत्र है रघुवंश प्रसाद ने पार्टी के हितों के बारे में ही लिखा है। शिवानन्द तिवारी ने इस अनुशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी में अनुशासन तो ठीक है, लेकिन ऐसा भी न हो कि पार्टी के भीतर के लोकतंत्र का गला ही घुंट जाए।