PATNA: बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन में टकराव बढ़ता जा रहा है. नीतीश-तेजस्वी के फैसलों पर महागठबंधन में शामिल वामपंथी पार्टियों में आक्रोश गहरा रहा है. आनंद मोहन की रिहाई से नाराज लेफ्ट पार्टियों ने अब शिक्षक नियुक्ति का मसला उठाया. तीनों वामपंथी पार्टियां माले, सीपीआई और सीपीएम ने साझा बैठक के बाद कहा है कि सरकार महागठबंधन की नीतियों के मुताबिक काम नहीं कर रही है. लिहाजा नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मिलकर उन्हें 2020 में बने महागठबंधन की नीतियां याद दिलायी जायेंगी।
बिहार की नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली पर सीपीआई, सीपीएम और भाकपा-माले की संयुक्त बैठक सीपीआई के राज्य कार्यालय हुई. बैठक के बाद वाम नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करके कहा कि बिहार सरकार द्वारा लाई गई शिक्षक नियमावली-23 महागठबंधन के 2020 के घोषणा के अनुरूप नहीं है. 'बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली-2023’ द्वारा सालों से काम कर रहे नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का फैसला तो स्वागतयोग्य है, लेकिन उनसे परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा देने की शर्त आपत्तिजनक है. इससे बिहार के लाखों नियोजित शिक्षकों को लेकर यह संदेश जा रहा है कि ये शिक्षक ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ देने के योग्य नहीं थे।
लेफ्ट पार्टियों ने कहा है कि नियोजित शिक्षकों ने सरकार के सभी काम करते हुए बिहार के शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. ये शिक्षक बिहार सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुरूप बहाल हुए हैं. निरंतर सेवा देने के बाद राज्य कर्मी बनने के लिए उनके उपर परीक्षा की शर्त रख देना उनके श्रम के साथ भी न्याय नहीं है. शिक्षक संगठनों द्वारा इसके खिलाफ आंदोलन भी चलाया जा रहा है जिससे विद्यालय में पठन-पाठन बाधित हो रहा है।
बिना परीक्षा के बनायें शिक्षक
वाम दलों पार्टियों ने मांग की है कि सभी नियोजित शिक्षकों को महागठबंधन के 2020 के घोषणापत्र के मुताबिक बिना किसी परिक्षा के सीधे राज्यकर्मी का दर्ज़ा दिया जाए और जारी गतिरोध को ख़त्म किया जाए. साथ ही, सातवें चरण के शिक्षक अभ्यर्थी जो लंबे समय से अपनी बहाली का इंतजार कर रहे हैं, उनके ऊपर भी एक और परीक्षा लाद देना उचित नहीं लगता. सरकार को इसपर भी विचार करना चाहिए और सातवें चरण को इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाना चाहिए।
नीतीश से मिलेंगे वाम पार्टियों के नेता
इस मसले पर वामपंथी दलों का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मिलेगा और नई शिक्षक नियमावली पर उठ रही आपत्तियों से उन्हें अवगत कराएगा. वाम दलों ने कहा है कि नई शिक्षक नियमावली पर शिक्षक संगठनों और अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए उसका निराकरण करना चाहिए. वाम दल महागठबंधन के अन्य दलों राजद, कांग्रेस, हम (से. ) और जदयू के राज्य नेतृत्व से भी बातचीत करेंगे.