MADHEPURA: शराबबंदी के बाद भी शराब की खेप बिहार पहुंची रही है. लोग आसानी से पीकर घूम रहे हैं. हिम्मत इतनी की वह थाना भी पहुंच जा रहे हैं. मधेपुरा के गम्हरिया थाना में भी एक केस आया. थाना में पहुंकर ही शराबी हंगामा और गालीगलौज करने लगा. पुलिस ने उसकी ब्रेथ एनालाइजर से जांच की तो शराब पीने पुष्टि भी हो गई. कोरोना संकट में जांच नहीं करना था. जिसके बाद भी किया. उसके बाद भी दोनों को छोड़ दिया.
पुलिस की सफाई- रिपोर्ट के आधार पर छोड़ा
दोनों को पुलिस ने मेडिकल के लिए हॉस्पिटल भेजा. गम्हरिया पीएससी के डॉक्टरों ने मैनुअल जांच करते हुए नो अल्कोहलिक रिपोर्ट दे दिया. जिसके बाद पुलिस ने ब्रांड लिखाकर दोनों शराबियों को छोड़ दिया. जब मामला तूल पकड़ा तो पुलिस ने कहा कि हम तो पकड़ कर लाए थे. लेकिन डॉक्टरों ने उसे नो अल्कोहलिक रिपोर्ट दिया. इसके बाद भी छोड़ा गया है. अब सवाल पुलिस की कार्यशैली और मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले पर उठ रहा है.
डॉक्टर बोले- जांच के लिए कोई तकनीक नहीं
इसके बारे में गम्हरिया पीएचसी के डॉक्टर अनु आनंद का कहना है कि 30 दिसंबर की रात को पुलिस कुछ लोगों की जांच कराने आई थी. यहां जांच की कोई तकनीक नहीं है. लेकिन संबंधित व्यक्ति के हाव-भाव और सामान्य पूछताछ में शराब पीए जैसा नहीं लगा है. इसके बाद नो अल्कोहलिक रिपोर्ट दी गई. फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है. लेकिन इस केस ने साबित कर दिया है कि सबकुछ राम भरोसे चल रहा है.