मधेपुरा की बीडीओ घूस मांगती है: पंचायती राज पदाधिकारी ने पत्र लिखकर आरोप लगाया, कहा-मेरे पास ऑडियो रिकार्डिंग है

मधेपुरा की बीडीओ घूस मांगती है: पंचायती राज पदाधिकारी ने पत्र लिखकर आरोप लगाया, कहा-मेरे पास ऑडियो रिकार्डिंग है

MADHEPURA: सुशासन में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की घूसखोरी के अजीब अजीब किस्से सामने आ रहे हैं. मधेपुरा में एक बीडीओ अपने अधीनस्थ कर्मचारियो औऱ अधिकारियों से खुलेआम घूस मांगती है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि पंचायती राज पदाधिकारी ने पत्र लिखकर कहा है. पंचायती राज पदाधिकारी आधिकारिक पत्र लिखकर ये आरोप लगा रहे हैं, उसमें ये भी कह रहे हैं कि उनके पास इसकी ऑडियो रिकार्डिंग भी है।


बीडीओ की घूसखोरी

मधेपुरा जिले के सदर प्रखंड का ये मामला है। प्रखंड के पंचायती राज पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार का पत्र सामने आया है। उन्होंने सरकारी पत्र लिखा है। अपने कार्यालय के पत्रांक-296 दिनांक 17/11/21 से उन्होंने सदर प्रखंड की BDO  कलावती कुमारी को पत्र भेजा है। पंचायती राज पदाधिकारी के इस पत्र में कहा गया है कि बीडीओ ने उन्हें 21 अक्टूबर को फोन किया और घूस के पैसे की मांग की।


 बीडीओ ने पंचायती राज पदाधिकारी से लेकर पंचायत सचिवों से अवैध वसूली करने के लिए दबाव बनाया। पत्र में लिखा गया है कि इसकी कॉल रिकार्डिंग भी है. अगर बीडीओ ने फिर से पैसे की उगाही करने की कोशिश की तो इस रिकार्डिंग को जिलाधिकारी को भेज दिया जायेगा।


मामले को रफा दफा करने की कोशिश

मधेपुरा के सदर प्रखंड के पंचायती राज पदाधिकारी का ये पत्र 17 नवंबर का है। इसके सार्वजनिक होने के बाद प्रशासनिक अमले में ह़डकंप मच गया है। लेकिन मामले को रफा दफा करने की कवायद भी शुरू हो गयी है।


 बीडीओ और पंचायती राज पदाधिकारी के बीच समझौता कराया जा चुका है। लिहाजा पंचायती राज पदाधिकारी श्याम सुंदर कुमार से जब मीडिया ने उनके पत्र के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि ने मामला शांत हो गया है। पत्र जारी किया गया था। लेकिन अब मामला शांत हो गया है. सब कुछ ठीक हो गया है।


उधर बीडीओ कलावती कुमारी ने मीडिया से कहा कि उन्होंने कभी घूस नहीं मांगा है। उनकी ऐसे किसी मसले पर पंचायती राज पदाधिकारी से कोई बात नहीं हुई है। अगर ऐसा आरोप है तो वह सब निराधार है। 


वैसे इस मामले का एक दूसरा पहलु भी है। दरअसल बीडीओ औऱ पंचायती राज पदाधिकारी में पहले से ही वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। पंचायती राज पदाधिकारी खुद को बीडीओ से उपर का अधिकारी बताते रहे हैं। 


उन्होंने 13 नवंबर को बीडीओ को पत्र लिखकर कहा था कि BDO उनसे कनीय अधिकारी हैं। इस पत्र में बिहार पंचायती राज अधिनियम-2006 का हवाला देते हुए कहा है कि पंचायती राज पदाधिकारी को BDO के कार्यों का पर्यवेक्षण और नियंत्रण करने का अधिकार प्राप्त है।